एवंकार बीअ लहइ कुसुमिअउ अरविंदए साक्षी प्रजापति 18/02/2012 कण्हपा No Comments एवंकार बीअ लहइ कुसुमिअउ अरविंदए। महुअर रुएँ सुरत्प्रवीर जिंघइ म अरंदए॥ जिमि लोण बिलज्जइ पणिएहि तिमि घरणी लइ चित्त। समरस जाइ तक्खणो जइ पुणु ते सम चित्त॥ [Continue Reading...]