भूषण स्वेत महा छवि सुंदर सानि सुवास रची सब सोने के. एम. सखी 17/02/2012 खेम No Comments भूषण स्वेत महा छवि सुंदर सानि सुवास रची सब सोने । गोरे से अँग गरूर भरी कवि खेम कहैँ जो गई तंह गौने । चँदमुखी कटि खीन खरी दृग … [Continue Reading...]