Category: इकराम राजस्थानी
मोतियों की तरह चेहरा तेरा सच्चा लगता, हमको दुनिया में कोई और न अच्छा लगता। तेरे माथे पे जो बिंदिया है, सलामत रखना, ये अँधेरों में कोई चाँद चमकता …
तेरे बिन ये पहला-दिन, सूना-सूना निकला दिन। सूरज किरनें धूप वही, फिर भी बदला बदला दिन। तेरे साये, ढूंढ़ रहा है, कैसा है ये पगला दिन। तनहाई के सन्नाटों …
ढूंढ़ता है आदमी, सदियों से दुनिया, में सुकून। धूप में साया मिले, कमल जाये सहरा में सुकून। छटपटाती है किनारों, पर मिलन की आस में हर लहर पा जाती …
कैसी होगी तेरी रात परदेस में, चाँद पूछेगा हालात परदेस में। ख्व़ाब बनकर निगाहों में आ जाएँगे, हम करेंगे, मुलाकाल परदेस में। बादलों से कहेंगे कि कर दे वहाँ, …
आपसे जब सामना होने लगा, ज़िन्दगी में क्या से क्या होने लगा। चैन मिलता है तड़पने से हमें, दर्द ही दिल की दवा होने लगा। ज़िन्दगी की राह मुश्किल …