फ़सलें साक्षी प्रजापति 18/02/2012 ऋषिवंश No Comments दाने तो इच्छा के बोए थे ज़हरीली फ़सलें क्यों उग आईं पढ़े-लिखे लोगों ने सोचा था ख़ुशहाली इस रस्ते आएगी नई रोशनी में यह साफ़ दिखा सब कुछ मशीने … [Continue Reading...]
उदासी साक्षी प्रजापति 18/02/2012 ऋषिवंश No Comments मन ऐसी कौन उदासी रे सपने ही तो टूटे हैं ना यह तो बात ज़रा-सी रे । तू ही एक नहीं दुखिया तू ही ना एक अकेला है काहे … [Continue Reading...]