Category: दूलनदास
साँई तेरे कारन नैना भये बिरागी। तेरा सत दरसन चहौं, और न माँगी॥ निसु बासर तेरे नाम की, अंतर धुनि जागी। फेरत हौं माला मनौं, ऍंसुवनि झरि लागी॥ पलक …
राम तोरी माया नाचु नचावै। निसु वासर मेरो मनुवाँ ब्याकुल, सुमिरन सुधि नहिं आवै॥ जोरत तुरै नेह सुत मेरो, निरवारत अरुझावै। केहि बिधि भजन करौं मोरे साहिब, बरबस मोहिं …
देख अयों मैं तो साँई की सेजरिया। साँई की सेजरिया सतगुरु की डगरिया॥ सबदहिं ताला सबदहिं कुंजी, सबद की लगी है जँजिरिया। सबद ओढना सबद बिछौना, सबद की चटक …
जोगी चेत नगर में रहो रे। प्रेम रंग रस ओढ चदरिया, मन तसबीह महोरे॥ अंतर लाओ नामाहिं की धुनि, करम भरम सब घोरे॥ सूरत साधि गहो सत मारग, भेद …