सुमिर मन गोपाल लाल सुंदर अति रूप जाल साक्षी प्रजापति 18/02/2012 छीतस्वामी No Comments सुमिर मन गोपाल लाल सुंदर अति रूप जाल, मिटिहैं जंजाल सकल निरखत सँग गोप बाल। मोर मुकुट सीस धरे, बनमाला सुभग गरे, सबको मन हरे देख कुंडल की झलक … [Continue Reading...]
आगे गाय पाछें गाय इत गाय उत गाय साक्षी प्रजापति 18/02/2012 छीतस्वामी No Comments आगे गाय पाछें गाय इत गाय उत गाय, गोविंद को गायन में बसबोइ भावे। गायन के संग धावें, गायन में सचु पावें, गायन की खुर रज अंग लपटावे॥ गायन … [Continue Reading...]