Category: चिराग राजा
प्रेम का उजियाला फैलाने हेतु हर अंधकार का दमन करेंगे सितारों सी चमक चांद सी शीतलता से जन-मन को रोशन करेंगे द्वेष और भेदभाव की धूलि के कण-कण मे …
उम्मीदों की किरणें रोशन कर आगे-आगे बढते जा तू तेरे इंतजार मे बैठी मंजिल तेरी मोड लेती राहों पर बस चलते जा तू लगे सारा मौहाल तुजे गिराने मे …
सच्चे पथ पर चलने वाला आगे बढता जाता है फूल बन महक फैलाता है जहा शूल से टकराता है क्षण-प्रतिक्षण अग्रसर होना ही इनसान का मौलिक कर्म है जन …
नव उमंग, नव उत्साह संग जीवन मे सजा प्रेम के रंग इस चमन की खुशबू को जन-मन मे फैलाए आओ फिर से दीप जलाए!! अनंत धरोहर है हमारी विरासत …
गीत लिखूँ या प्रीत लिखूँ हारा हूँ कैसे मैं जीत लिखूँ प्रेम को अपना जीवन आधार लिखूँ या द्वेष भरा यह संसार लिखूँ जो श्रम से भी न मिल …
नवप्रभात की सुंदर छटा मे, विहंगो का कर्णमधुर कलरव.. अलंकृत कर मधुर सुरों को, बनाता नवीन गीत भैरव…. दिवाकर की नव आशा प्रदत्त, धूप का वह विस्तृत बिखराव. इंगित अपने …
कान्टो भरा जीवन है, जीवन मे कान्टे है. दशा देखो उस दीन की, माटी मे अन्न छाटे है.. मार्ग विचलित पथिक है ये सारे, मात्र जीवन कला न पाये …