समर्पण………… BIKASH CHANDRA RAO 06/12/2013 बिकास चन्द्र राव No Comments समर्पण………… मिटटी का मानव, संवेदना की पोटली, कठोर पुरुषत्व, क्रोध,प्रेम,हँसी-ठिठोली, परत दर परत भंडारित अनुभव, धन-धान्य,सम्मान,हर्ष और वैभव, परिपूर्ण जीवन, फिर भी खालिसपन, न उम्मीद, न सम्भव, समय का … [Continue Reading...]
फिर तुम क्यों आए ??? BIKASH CHANDRA RAO 06/12/2013 बिकास चन्द्र राव No Comments फिर तुम क्यों आए ??? सोया था आराम से, शून्य की कब्र में ,मन उन्माद को सीने से लगाए, यह जन्म तो बीता न था, फिर तुम क्यों आए … [Continue Reading...]