फुटकर शे’र साक्षी प्रजापति 18/02/2012 आज़ाद अंसारी No Comments तबीयत ही दर्द-आश्ना हो गई। दवा का न करना दवा हो गया॥ यूँ याद आओगे हमें इसला खबर न थी। यूँ भूल जाओगे हमें वहमों-गुमाँ न था॥ आह! किसने मुझे … [Continue Reading...]