Category: अशोक अंजुम
कौन सीरत पे ध्यान देता है आईना जब बयान देता है मेरा किरदार इस ज़माने में बारहा इम्तिहान देता है पंख अपनी ज़गह पे वाजिब है हौसला भी उड़ान …
हर एक राज़ कह दिया बस एक जवाब ने हमको सिखाया वक़्त ने, तुमको किताब ने इस दिल में बहुत देर तलक सनसनी रही पन्ने यूँ खोले याद के, …
जबसे हुई सयानी बिटिया भूली राजा-रानी बिटिया बाज़ारों में आते-जाते होती पानी-पानी बिटिया जाना तुझे पराये घर को मत कर यों मनमानी बिटिया किस घर को अपना घर समझे …
सभी रिश्तों से औ’ दीवारोदर से दूर रखता है, ये चक्कर पेट का कितनों को घर से दूर रखता है। अगरचे बोले हम तो सारी जक़डन टूट जाएगी, वो …
वो मुझको आँख भरकर देखता है बड़ी हसरत से खंजर देखता है तू जिसमें सिर्फ़ पत्थर देखता है वहीं पर कोई ईश्वर देखता है न कोई देख सकता है …
वक़्त जीवन में ऐसा न आये कभी ख़त किसी के भी कोई जलाये कभी धुल है, धुंध है, शोर ही शोर है कोई मधुवन में बंसी बजाये कभी मेरी …
बड़ी मासूमियत से सादगी से बात करता है मेरा किरदार जब भी जिंदगी से बात करता है बताया है किसी ने जल्द ही ये सूख जाएगी तभी से मन …
प्रेम की सच्चाई की बोलियां ही गायब हैं आदमी के अंदर से बिजलियां ही गायब हैं साबजी पधारे थे सैर को गुलिस्तां की तब से इस चमन की सब …
धमकियाँ हैं-सच न कहना बोटियाँ कट जाएँगी।। जो उठाओगे कभी तो उंगलियाँ कट जाएँगी।। आरियों को दोस्तों दावत न दो सँभलो ज़रा वरना आँगन के ये बरगद इमलियाँ कट …
द्वार पर साँकल लगाकर सो गए जागरण के गीत गाकर सो गए। सोचते थे हम कि शायद आयेंगे और वे सपने सजाकर सो गए। काश! वे सूरत भी अपनी …
दुनिया को नई राह दिखने के वास्ते शूली पे छाडे कोन ज़माने के वास्ते शहरों कि भीड़ में न कहीं खो गए हों वे जो गाँव से गए थे …
तेरा हर लफ्ज़ मेरी रूह को छूकर निकलता है. तू पत्थर को भी छू ले तो बाँसुरी का स्वर निकलता है. कमाई उम्र भर कि और क्या है, बस …
जो खींच रहे माल उन्हीं का वसंत है मोटी है जिनकी खाल उन्हीं का वसंत है। सारी व्यवस्था जिनके आगे पूंछ हिलाए, किसकी मजाल उसको कोई आंख दिखाए, टेढ़ी …
गोली की मेहरबानी कुछ बम की मेहरबानी फ़ाक़े हुए कईं दिन से मातम की मेहरबानी कलियाँ भी अब उगलने चिंगारियाँ लगी हैं दहशत है गुलसितां में सिस्टम की मेहरबानी …
जिंदगी का जिंदगी से वास्ता जिंदा रहे हम रहें जब तक हमारा हौसला जिंदा रहे वक्त ने माना हमारे बीच रख दीं दूरियां कोशिशें ये हों दिलों में रास्ता …
ज़िन्दगी का ज़िन्दगी से वास्ता जिंदा रहे हम रहें जब तक हमारा हौसला जिंदा रहे वक़्त ने माना हमारे बीच रख दीं दूरियाँ कोशिशें ये हों, दिलों में रास्ता …
खिड़कियों की साजिशों से कुछ हवा की ढील से झोपड़ी जल ही न जाए देखना कन्दील से एक छोटा ही सही पर घाव देकर मर गई यूँ वो चिड़िया …
करे कोशिश अगर इंसान तो क्याक्या नहीं मिलता वो उठकर चल के तो देखे जिस रस्ता नहीं मिलता ! भले ही धूप हो, कांटे हों पर चलना ही प़डता है …
पीड़ा का अनुवाद हैं आँसू एक मौन संवाद हैं आँसू दर्द, दर्द बस दर्द ही नहीं कभी-कभी आह्लाद हैं आँसू जबसे प्रेम धरा पर आया तब से ही आबाद …