Category: अर्पित कौशिक
नभ में छितरे ये बादल , कब उमड़-घुमड़ कर आएंगे , श्वेत से काले रूप बदल कर , तिमिर स्वरूप दिखलायेंगे | फिर पवन शीतल बही, मेघो को संघनित …
“हम ना निठल्ले तनिक हमे बहुत काम है” अपने ही घर में हम बदनाम है , हम ना निठल्ले तनिक हमे बहुत काम है | नींद बहुत आती हमे …
१.) खेल खेल में जीत गए दिलों को वो सब नौजवान, बिन सुख-सुविधा के लक्ष्य को पाना जैसे तीर बिन कमान | जीते कोई या हारे से नहीं बने …
ना बांटो देश को मेरे, यूँ तुम बदनाम लहज़े में , मकां है ये हिन्दू का , ये घर भी है मुस्लिम का | जो कर रहे शाजिश हमारे …
‘प्यारे कलाम’ —-एक काव्य श्रद्धांजलि रामेश्वरम के लाल कलाम विज्ञान के ज्ञान कलाम | प्रगति के मिसाइल कलाम , पोखरण के विस्फोट कलाम | पथ-प्रदर्शक, गतिमान कलाम , जीवन …
मैं नारी अपनी वृथा, कहती हूँ अपनी कथा | समाज के झंझालों से, अपमान के उन गलियारों से, हर पल मुझको आना-जाना है, स्वाभिमान को बचाना है || जीवन …
क्रंदन कर करुणा ने पूछा क्या जीवन है सैनानी का , पीछे छोड़ जाते है घर को क्या होगा उन परिवारो का | तमगे और बलिदान से बढ़कर क्या …
“गणित की समस्या” हांलाकि और चूंकि से निकल गयी थी बात | स्टेटिक्स समझ में नहीं आई, डायनामिक्स ने मारी लात || कैलकुलस, अलजेब्रा मेरी जान के दुश्मन | …
उठ जा कातर पुरुष उठ जा मनस्तिथि धूमिल हो गयी , चरित्र पतन की ओर झुक गया | क्रोध का ज्वलित पवन , आज कैसे रुक गया ?? जग …
किंचित ना कर संताप मनुज तू, जीवन है एक दुर्गम पथ | साहस और धीरज का संग ले, तू बढ़ चल कर्म के रथ पर || एक पल ना …
(१) अन्याय की कीमत अब आवाम जानती है, घोटालों की हक़ीक़त हर आँख पहचानती है | ये कालचर्क कि परिणिति है मेरे दोस्तों , अब राजनीति भी सुनहरा परिवर्तन …
“तेरा ही हूँ” कुछ ख़ास है कुछ विश्वास है | तेरा मेरा नाता ऐसा , प्रेम के घरोंदे जैसा वास है || जीवन को जीवन , मकां को घर …
“मेरी माँ गंगा” गंगा निर्मल, उज्जवल, धवल और है पापनाशिनी | तन की मलीनता को दूर करने वाली || गोमुख में आंखियां वो खोले , हरि के दर पर …
एक दिन सवेरे, घर से निकलते ही , हमारे पूज्य पडोसी जी की श्रीमती ने हमको टोका, बिना बात के बेमतलब रोका | हर दिन बिन सुर के बजता …