Category: आनन्द विश्वास
पीछे मुड़कर कभी न देखो…आनन्द विश्वासपीछे मुड़कर कभी न देखो, आगे ही तुम बढ़ते जाना,उज्ज्वल ‘कल’ है तुम्हें बनाना,वर्तमान ना व्यर्थ गँवाना।संधर्ष आज तुमको करना है,मेहनत में तुमको खपना है।दिन और रात तुम्हारे अपने,कठिन परिश्रम …
*बेटी-युग*…आनन्द विश्वाससतयुग, त्रेता, द्वापर बीता, बीता कलयुग कब का,बेटी-युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका।बेटी-युग में खुशी-खुशी है,पर महनत के साथ बसी है।शुद्ध-कर्म निष्ठा का संगम,सबके मन में …
छूमन्तर मैं कहूँ और फिर,जो चाहूँ बन जाऊँ।काश, कभी पाशा अंकल सा,जादू मैं कर पाऊँ। हाथी को मैं कर दूँ गायब,चींटी उसे बनाऊँ।मछली में दो पंख लगाकर,नभ में उसे उड़ाऊँ। और …
*इस बार दिवाली सीमा पर*…आनन्द विश्वासइस बार दिवाली सीमा पर,है खड़ा मवाली सीमा पर। इसको अब सीधा करना है,इसको अब नहीं सुधरना है।इनके मुण्डों को काट-काट,कचरे के संग फिर लगा …
*मेरे घर में बना बगीचा*…आनन्द विश्वासमेरे घर में बना बगीचा,हरी घास ज्यों बिछा गलीचा। गेंदा, चम्पा और चमेली,लगे मालती कितनी प्यारी।मनीप्लांट आसोपालव से,सुन्दर लगती मेरी क्यारी। छुई-मुई की अदा अलग है,छूते …
*अब सरदी की हवा चली है* …आनन्द विश्वास अब सरदी की हवा चली है,गरमी अपने गाँव चली है। कहीं रजाई या फिर कम्बल,और कहीं है टोपा सम्बल।स्वेटर कोट सभी हैं लादे,लड़ें ठंड …
नभ में उड़ने की है मन में. …आनन्द विश्वास नभ में उड़ने की है मन में, उड़कर पहुँचूँ नील गगन में। काश, हमारे दो पर होते, हम बादल से …
मछली कैसे जीती जल में …आनन्द विश्वास मछली कैसे जीती जल में, टीचर से पूछूँगी कल मैं। जीना चाहूँ जो मैं जल में, जान सकूँगी उसका हल मैं। जो …
मामू की शादी में हमने… …आनन्द विश्वास मामू की शादी में हमने, खूब मिठाई खाई। नाचे-कूदे, गाने गाए, जमकर मौज मनाई। आगे-आगे बैण्ड बजे थे, पीछे बाजे ताशे। घोड़ी …
आँधी ने तो हद ही कर दी …आनन्द विश्वास आँधी ने तो हद ही कर दी, धूल आँख में सबके भर दी। धुप्प अँधेरा काली आँधी, दिन में काली …
कुछ हायकु और …आनन्द विश्वास 1. हमने माना पानी नहीं बहाना तुम भी मानो। 2. छेडोगो तुम अगर प्रकृति को तो भुगतोगे। 3. जल-जंजाल न बने जीवन का जरा …
कुछ और हाइकु …आनन्द विश्वास 1. घड़ी की सुईं चलकर कहती चलते रहो। 2. पानी या खून बूँद-बूँद अमूल्य जीवन-दाता। 3. सूखा ही सूखा प्यासा मन तरसा हुआ उदासा। …
*अगर सीखना कुछ चाहो तो* …आनन्द विश्वास अगर सीखना कुछ चाहो तो, हर चीज तुम्हें शिक्षा देगी। शर्त यही है कुछ पाने की, जब मन में इच्छा होगी। नदियाँ …
कुछ हाइकू …आनन्द विश्वास 1. मन की बात सोचो, समझो और मनन करो। 2. देश बढ़ेगा अपने दम पर आगे ही आगे। 3. अपना घर तन-मन-धन से स्वच्छ बनाएं। …
मंकी और डंकी …आनन्द विश्वास डंकी के ऊपर चढ़ बैठा, जम्प लगाकर मंकी, लाल। ढेंचूँ – ढेंचूँ करता डंकी, उसका हाल हुआ बेहाल। पूँछ पकड़ता कभी खींचता, कभी पकड़कर …
आया मधुऋतु का त्योहार …आनन्द विश्वास खेत-खेत में सरसों झूमे, सर-सर वहे वयार, मस्त पवन के संग-संग आया मधुऋतु का त्योहार। धानी रंग से रंगी धरा, परिधान वसन्ती ओढ़े। …
*किस नम्बर की कार तुम्हारी* …आनन्द विश्वास चन्दा मामा हमें बताओ, किस नम्बर की कार तुम्हारी। पन्द्रह-पन्द्रह दिन ना आते, कैसी है सरकार तुम्हारी। पन्द्रह दिन तक इवन नम्बर, …
चलो बुहारें अपने मन को …आनन्द विश्वास चलो, बुहारें अपने मन को, और सँवारें निज जीवन को। चलो स्वच्छता को अपना लें, मन को निर्मल स्वच्छ बना लें। देखो, …
हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई …आनन्द विश्वास हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई, ये सब क्या है, बोलो भाई। उसने तो इन्सान बनाया, किसने ऐसी चाल चलाई। हिन्दू क्या है, मुस्लिम क्या …
गाँधी जी के बन्दर तीन …आनन्द विश्वास गाँधी जी के बन्दर तीन, तीनों बन्दर बड़े प्रवीन। खुश हो बोला पहला बन्दा, ना मैं गूँगा,बहरा, अन्धा। पर मैं अच्छा ही …
गोबर, तुम केवल गोबर हो …आनन्द विश्वास गोबर, तुम केवल गोबर हो। या सारे जग की, सकल घरोहर हो। तुमसे ही निर्मित, जन-जन का जीवन, तुमसे ही निर्मित, अन्न …
जगमग सबकी मने दिवाली आनन्द विश्वास जगमग सबकी मने दिवाली, खुशी उछालें भर-भर थाली। खील, खिलौने और बताशे, खूब बजाएं बाजे – ताशे। ज्योति-पर्व है ज्योति जलाएं, मन से …
ऐसे जग का सृजन करो,माँ। …आनन्द विश्वास ऐसे जग का सृजन करो, माँ। अविरल वहे प्रेम की सरिता, मानव – मानव में प्यार हो। फूलें फलें फूल बगिया के, …
फल खाओगे, बल पाओगे …आनन्द विश्वास फल खाओगे, बल पाओगे, सुन्दर तन का हल पाओगे। काजू किशमिश और मखाने, शक्ति-पुंज हैं जाने माने। एप्पल गुण की खान सुनो तुम, …
बन सकते तुम अच्छे बच्चे …आनन्द विश्वास सुबह सबेरे जल्दी जगते, और रात को जल्दी सोते। ऐसा करते अच्छे बच्चे, बन सकते तुम अच्छे बच्चे। सिट-अप करते,पुश-अप करते, और …