Category: अमीर खुसरू
१. तरवर से इक तिरिया उतरी उसने बहुत रिझाया बाप का उससे नाम जो पूछा आधा नाम बताया आधा नाम पिता पर प्यारा बूझ पहेली मोरी अमीर ख़ुसरो यूँ …
परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आवना। बिर का दुख बहुत कठिन है प्रीतम अब आजावना। इस पार जमुना उस पार गंगा बीच चंदन का पेड़ ना। इस …
खुसरो रैन सुहाग की, जागी पी के संग। तन मेरो मन पियो को, दोउ भए एक रंग।। खुसरो दरिया प्रेम का, उल्टी वा की धार। जो उतरा सो डूब …
उज्जवल बरन अधीन तन, एक चित्त दो ध्यान। देखत मैं तो साधु है, पर निपट पार की खान।। उत्तर – बगुला (पक्षी) एक नारी के हैं दो बालक, दोनों …
दैया री मोहे भिजोया री शाह निजाम के रंग में। कपरे रंगने से कुछ न होवत है या रंग में मैंने तन को डुबोया री पिया रंग मैंने तन …
१. गोश्त क्यों न खाया? डोम क्यों न गाया? उत्तर—गला न था २. जूता पहना नहीं समोसा खाया नहीं उत्तर— तला न था ३. अनार क्यों न चखा? वज़ीर …
तोरी सूरत के बलिहारी, निजाम, तोरी सूरत के बलिहारी । सब सखियन में चुनर मेरी मैली, देख हसें नर नारी, निजाम… अबके बहार चुनर मोरी रंग दे, पिया रखले …
भार भुजावन हम गए, पल्ले बाँधी ऊन। कुत्ता चरखा लै गयो, काएते फटकूँगी चून।। काकी फूफा घर में हैं कि नायं, नायं तो नन्देऊ पांवरो होय तो ला दे, …
जो मैं जानती बिसरत हैं सैय्या जो मैं जानती बिसरत हैं सैय्या, घुँघटा में आग लगा देती, मैं लाज के बंधन तोड़ सखी पिया प्यार को अपने मान लेती। …
जो पिया आवन कह गए अजहुँ न आए, अजहुँ न आए स्वामी हो ऐ जो पिया आवन कह गए अजुहँ न आए। अजहुँ न आए स्वामी हो। स्वामी हो, …
जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर । जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया हक्का …
काहे को ब्याहे बिदेस, अरे, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस भैया को दियो बाबुल महले दो-महले हमको दियो परदेस अरे, लखिय बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस …
१. खा गया पी गया दे गया बुत्ता ऐ सखि साजन? ना सखि कुत्ता! २. लिपट लिपट के वा के सोई छाती से छाती लगा के रोई दांत से …
री सखी मोरे पिया घर आए भाग लगे इस आँगन को बल-बल जाऊँ मैं अपने पिया के, चरन लगायो निर्धन को। मैं तो खड़ी थी आस लगाए, मेंहदी कजरा …
आ घिर आई दई मारी घटा कारी। बन बोलन लागे मोर दैया री बन बोलन लगे मोर। रिम-झिम रिम-झिम बरसन लागी छाय री चहुँ ओर। आज बन बोलन लगे …
अम्मा मेरे बाबा को भेजो री – कि सावन आया बेटी तेरा बाबा तो बूढ़ा री – कि सावन आया अम्मा मेरे भाई को भेजो री – कि सावन …
अपनी छवि बनाई के जो मैं पी के पास गई, जब छवि देखी पीहू की तो अपनी भूल गई। छाप तिलक सब छीन्हीं रे मोसे नैंना मिलाई के, बात …
घूम घुमेला लहँगा पहिने, एक पाँव से रहे खड़ी आठ हात हैं उस नारी के, सूरत उसकी लगे परी । सब कोई उसकी चाह करे है, मुसलमान हिन्दू छत्री …
२. फ़ारसी बोली आईना, तुर्की सोच न पाईना हिन्दी बोलते आरसी, आए मुँह देखे जो उसे बताए उत्तर—दर्पण
१. तरवर से इक तिरिया उतरी उसने बहुत रिझाया बाप का उससे नाम जो पूछा आधा नाम बताया आधा नाम पिता पर प्यारा बूझ पहेली मोरी अमीर ख़ुसरो यूँ …
ज़िहाल-ए मिस्कीं मकुन तगाफ़ुल, दुराये नैना बनाये बतियां | कि ताब-ए-हिजरां नदारम ऎ जान, न लेहो काहे लगाये छतियां || शबां-ए-हिजरां दरज़ चूं ज़ुल्फ़ वा रोज़-ए-वस्लत चो उम्र कोताह, …
छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके प्रेम भटी का मदवा पिलाइके मतवारी कर लीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके गोरी गोरी बईयाँ, हरी हरी चूड़ियाँ बईयाँ पकड़ धर …