Category: आलोक उपाध्याय
कूदरत ने बनाया सबकोंसबको कूदरत में मिल जाना हैं , क्या मैं और क्या अहमसब एक से हैं ये बताना हैं । नफ़रत की धारा में हमनेंअपना चैन अमन …
वो मूझे देख मुस्कुराती हैंवो मेरी बातों पे हँसे ,जो खुशियाँ मैं नही दे सकता अपनी पगली को ,हे ऊपरवालेकैसे भी कहीं से भीवो खुशियाँ तूं लाके दे उसे …
चलो हंसने की कोई, हम वजह ढूंढते हैं,जिधर न हो कोई ग़म, वो जगह ढूंढते हैं !बहुत उड़ लिए ऊंचे आसमानों में यारो,चलो जमीं पे ही कहीं, हम सतह …
ऐ बारिशतेरे साथ बचपन की यादें जूडी हैंयाद है ,वो स्कूल से आनाआते वक्त भीग जाना ,स्कूल ना जानाबारिश तूं ही तो थीस्कूल ना जाने का बहाना । ऐ बारिशतेरे …
हर वक्त तुम्हारी फ़िक्र करूं ,खुद से करूं बातेंबातों मे तुम्हारा जिक्र करूं …,दिल भी तुम्हारे फोन का इंतजार करता हैं ,देख लो सोनी जीये आपसे कितना करता हैं …
अपनी ही बात पे खिलखिलाएँ जो तूंआखें भर आएं मेरी ,औरइतनी सी बात पे मुंह फुलाए जो तूंहोठों पे आएं हँसी…या तो बाते अजीब है मेरी ,या दोस्ती अनोखी …
नीले आकाश की तरह हुआ करता था जो पानीआज उसका रंग काला हैं …,एक जमाने में वो यमुना नदी हुआ करती थीआज जो गंदा नाला है !छूकर जाती थी …
किसी शायर ने अंतिम यात्राका क्या खूब वर्णन किया है…..था मैं नींद में और.मुझे इतनासजाया जा रहा था….बड़े प्यार सेमुझे नहलाया जा रहाथा….ना जानेथा वो कौन सा अजब खेलमेरे …
लेती नहीं दवाई “माँ”,जोड़े पाई-पाई “माँ”।दुःख थे पर्वत, राई “माँ”,हारी नहीं लड़ाई “माँ”।इस दुनियां में सब मैले हैं,किस दुनियां से आई “माँ”।दुनिया के सब रिश्ते ठंडे,गरमागर्म रजाई “माँ” ।जब …
1.छोटीसी जिंदगी बची हैं मेरी ,हँसते-हँसते काट रहाँ हूँ …,वक्त नही हैं रोने काफिलहाल खूशियाँ बाँट रहा हूँ …!2.कहते हैं अकसर सब मूझसेंबडा अजीब हैं यार तेरा …,अब उनहें …
जागा करता हु मैं रात में , खो जाता हु उसकी बात में , हुआ है जिस दिन से मुझको प्यार .., समझ नहीं आ रहा क्या करू यार …
सच कहूँ असली हीरो तो हमारेँ पापा ही होते है.., भूख कितनी भी बडी हो पहले हमे खिलाते है, खुद को कितनी भी बडी चोट लगेँ क्यूँ परिवार से …
यारो कूछ हो न हो एक बहन तो होनी चाहिएँ.., बडी हो तो साथ पढने के लिए, छोटी हो तो हमेशा लडने के लिए., बडी हो तो ख्याल रखाने …
लाद के कंधो पे भारी से बस्ते, चल पडे वहाँ जहाँ भटका गएँ रस्ते, रो-रो कर करने लगे वो पढाई, मानो किताबो से है उनकी लडाई., माँ-बाप को बच्चो …
आया था नया-नया स्कूल मे जब, पिंजरा सा लगा मूझे स्कूल ये तब., मगर आज यही पिंजरा है मेरा संसार, अब इस पिंजरे से करता हूँ प्यार.., पहली बार …
है मेरा स्कूल का आखिरी दिन, इसके बाद रहूगाँ यारो के बिन., याद आएगाँ Aniket का गाली चढाना, गाली चढाकर सबको नचानाँ., Devraj की कि Mukta mam ने पिटाई, …
रजाई ओढ़ के सोच रहा हूँ , उन्होने बर्फ़ कैसे ओढ़ी होगी.. कितनी बार उम्मीद से ऊपर को देखा होगा, और अंत में कैसे उम्मीद छोढी होगी.. कितनी बार …
वो मेरे यारो का पागलपन जिसपे फिदा है मेरा मन, वो मेरे यारो का हसनाँ-हसानाँ और क्लासं मे मेरा गाने गाना, Sanju bhatia का आपस मे लडना वो अपने …
मोबाईल बना हैँ हर लड़की की शान … Miss काल करके लड़को को करती हैँ परेशान, ॰ ॰ SMS मेँ लिखती Miss U मेरी जान.. तुम्हारी आवाज़ सुननेको तरसे …
सूख-दूख दो पहलू है जीवन के यो दोनो खौफ है मन के, जिस तरह हर रात के बाद होता है सवेँरा वैसे ही हर बूरे के बाद होगा भला …
ये हिन्दू वो मूस्लिम तूँ ईसाई वे सिख.., मगर आलोक तूँ अपने आप को सिर्फ हिन्दुस्तानी लिख…! तेरा अल्लाह ईश्वर एक है, तेरे ईरादे अगर नेक है.., तो तेरा …
हर रात मुझे ये बात सताती है. . . मुझे तेरी याद क्योँ आती है. . . ना प्यार तुझे है, ना तेरा इंतजार मुझे है, मगर फिर भी, …
अंग्रेज़ी सीना तान घमण्ड में खड़ी है।। दूर कहीं कोने में ‘हिंदी ‘उर्दू ‘लज्जित पड़ी है।। नमस्ते सलाम की जगह लेली hi ने।। अलविदा दस्तूर को लात मर दी …
1.जिदंगी मे ये भी हूँनर आजमाना चाहिए., जंग अगर अपनो से हो तो हार जाना चाहिए…! 2.ये धारा जो बहती है, मिलके रहती है… बहती धारा बनजा तूँ भी …
पल में बदलें इतने रंग देख के उनको सब हैं दंग पूर्ण स्वयं को कहते हैं अंग हुए हैं जिनके भंग धूप की शै पर बढ़ते हैं साये हैं …