अम्मा राजेन्द्र यादव 12/05/2012 आलोक श्रीवास्तव 1 Comment चिंतन दर्शन जीवन सर्जन रूह नज़र पर छाई अम्मा सारे घर का शोर शराबा सूनापन तनहाई अम्मा उसने खुद़ को खोकर मुझमें एक नया आकार लिया है, धरती अंबर … [Continue Reading...]
ले गया दिल में दबा कर राज कोई शुभाष 24/02/2012 आलोक श्रीवास्तव No Comments ले गया दिल में दबा कर राज कोई, पानियों पर लिख गया आवाज़ कोई । बांध कर मेरे परों में मुश्किलें, हौसलों को दे गया परवाज़ कोई । नाम … [Continue Reading...]