पत्थर ALOK KUMAR 10/03/2013 आलोक कुमार No Comments खुबसुरत क्या उनको कह दिया हमको छोङकर शीशे की वो हो गई तराशा नही था तो पत्थर थी तराश दिया तो खुदा की हो गयी……… [Continue Reading...]
तनहा और तम ALOK KUMAR 04/07/2012 आलोक कुमार 2 Comments कभी जिंदगी में तनहा हो, कभी जिंदगी की राहें सुनसान हो जाये , मेरे घर में आना….. और मेरे कमरे के कोने में बंद पड़े उस अलमारी को खोलना … [Continue Reading...]