Category: अजय डबराल
हम मर मिटे है आप पर जान बचाइए यूँ सब्र आप मेरा न आजमाईये आप भी मेरी तरह तनहा है अगर हाथ मेरा थाम लो हो जाओ हमसफ़र फेली …
तेरी आँखें की जैसे समंदर कोई इस समंदर मे मै डूबने जब लगा तूने पलके झुक कर बचाया मुझे अजय डबराल
दो बातें सदा तुम्हारी जान लेती रही हमारी दोस्ती भी बता रहे हो दुश्मनी भी जाता रहे हो कह के दिल से तुम हमको अपना कैसा रिश्ता निभा रहे …