Category: आदेश कुमार पंकज
पंकज उससे सीखिये , बीत गया जो कल | आगे भूल न कीजिये , सँवर जाये हर पल || समझदार कहलात है , चलता आँखें खोल | पंकज सोच …
जा रहे हो किस डगर मुझको बता दो | कर रहे हो क्यों सफर मुझको बता दो | चल रहे अविराम हो पैर रूकते हैं नहीं , जा रहे …
पंकज उससे सीखिये , बीत गया जो कल | आगे भूल न कीजिये , सँवर जाये हर पल || समझदार कहलात है , चलता आँखें खोल | पंकज सोच …
सूरज यहाँ का फिर , सबको जला गया | जाड़ा यहाँ का फिर , हमको गला गया | वीरान बस्ती और , खण्डहर कह रहें हैं, धोखे से पंकज …
प्यार का तुमने कभी भी, इजहार किया होता | एक बार भी तुमने अगर , ऐतवार किया होता | कर देता सर्वश्व न्यौछावर तेरे इन क़दमों में मैं, साथ …
अपना आज सुधार ले , सुधर जायेगा कल | पंकज जो जैसा करे , वैसा पायेगा फल || शूल बिछाकर राह में , कर दूजों को बेचैन | पंकज …
प्यार का तुमने कभी भी, इजहार किया होता | एक बार भी तुमने अगर , ऐतवार किया होता | कर देता सर्वश्व न्यौछावर तेरे इन क़दमों में मैं, साथ …
आदमी की आदमी से , सोच कितनी भिन्न है | आदमी की आत्मा में किसका जीवित जिन्नहै | आदमी ही आदमी को , आज खाये जा रहा है ,, …
जानता हर आदमी है कि नश्वर यहाँ संसार | हर आदमी कि जिन्दगी एक रेत कि दीवार | जानकर भी सब यहाँ वह ऑंखें मूंदें चल रहा , स्वार्थ …
हो काँटों भरा पथ , पर रूकना नहीं | मिले यदि चुनौती, तो डरना नहीं | अपनों से मिलकर ,सदा ही रहो तुम, सुख दुःख के भागी, वो लड़ना …
सौ झूठे भी मिल जायें पर , सच को हरा नहीं सकते | सौ तारे भी मिल जायें पर , तम को भगा नहीं सकते | चन्द्र ग्रहण और …
लग रहा है पेट -भूखा , कुलबुलाहट हो रही है | चल रहा है कोई कीड़ा , सुरसुराहट हो रही है | जब अनाचारी , दुराचारी , सब गये …
बेचकर जमीर को तू कोई काम न कर | मिलकर अमीर से तू कभी नाज़ न कर | किसी बलवान का साथ दो या न दो , पर दुखिया …
जब – जब खिलता है पलाश ! मुझे बना देता है एक जिन्दा लाश ! जैसे वह मुझ पर हँसता हो , और वह मुझसे कहता हो , कि …
मोहम्बत का इम्तहान न लो सनम | ले सकता हूँ, तेरे लिए सौ – जनम | कष्टों और दरदों की परवाह नहीं , सह सकता हूँ तेरे लिये सौ …
फुफकारतें हैं जो अकारण , उन फनों को अब कुचलना चाहिये | नफरतों के बीज बोयें जो यहाँ , उन सभी को अब मसलना चाहिये | सूर , तुलसी …
टाँग खींच बढ़ना चाहे जो , वह कभी नहीं बढ़ पायेगा | मिटा- मिटा लम्बी रेखा को, वह छोटा न कर पायेगा | काँच के जिनके घर होतें हैं …
हे छठ मैया , मुझको दे दो आशीर्वाद | खड़ा हूँ तेरे द्वारे पर , आस लगाये दर्शन की | कारज मेरे पूरे कर दो , विनती तेरे आसन …
लोग पालते स्वान को , नौकर समझा जाय | मालिक के पीछे घूमता , फिर भी डंडा खाय | फिर भी डंडा खाय , चैन से न सोता है …
स्वान घूमते टोली में , सिंह अकेला चलता है | स्वान भौकतें पीछे – पीछे , उनसे क्या कोई डरता है | एक सिंह यदि आ जाये , तो …
ओ प्यारे , बच्चों हमारे| आशीष तुमको देता यहीं हूँ , लक्ष्य को प्राप्त कर लो, और चमकें सितारें | ओ प्यारे , बच्चों हमारे| लगन वह तुम्हारी , …
दर्पण – कभी भी , दोगले होते नहीं | कायरों में तो कभी हौसलें होते नहीं | धीर औ गंभीर जो, चुलबुले होते नहीं | नीवं से मजबूत जो …
जिसके जो मुँह में आये वह बोल देता है | भावनाओं का पिटारा – वह खोल देता है | मानता हूँ, बोलने का अधिकार है सबको , एक क्षण …
पास आकर क्यों बनाया , पागल मुझे है आपने | अपनी मधुर मुस्कान से , घायल किया क्यों आपने | अब तो सोते जगते मुझे , आप ही आप …
आज अपनों ने मुझे है ,वे – सहारा कर दिया | आँसुओं ने आ जगत में, राज सारा कह दिया | मानता तकलीफ में हो , पर उजागर न …