Tag: शिशुगीत
माँ कहती है तुम हो एक, फिर क्यों तेरे रूप अनेक? हम तुमको क्या कहें बताओ | राम, कृष्ण या अल्ला नेक ||१|| कोई पूरब को मुंह करता, कोई …
क्यों तुम हो भगवान् कहाते? धुन बंशी की मधुर बजाते। माँ कहती कण-कण में बसते, फिर क्यों हमको नजर न आते।। सूरज दादा दिन में आते, चन्द मामा रात …
१. छुटकी मुट्की घुटकी नटखट अलबेली छैलछबीली प्यारी सी लागे उसकी अठखेली २. गिलहरी मानो उसकी सहेली नाच नचईया, धिक् ता तईया हर कोने में उसकी छईयाँ ३. सुर …
हुआ सवेरा, गया अँधेरा, सूरज रहा निकल हाँ भई फक्कड़, लाल बुझक्कड़, तू भी ढंग बदल । बुरे काम तज, राम राम भज, मत रट मरा-मरा अपने-अपने, देख न …
चिड़िया रानी चिड़िया रानी, किधर चली । मुन्ने राजा मुन्ने राजा, कुज-गली । चिड़िया रानी, चिड़िया रानी, पर निकले । मुन्ने राजा मुन्ने राजा, नीम के तले । चिड़िया …
गाँधी-शास्त्री सबके प्यारे हम सबके हैं राज दुलारे । हम सब सीखें इनसे जीना, ये हैं सबकी आँख के तारे । संकट में ना ये घबराएँ सत्य अहिंसा हमें …
अकड़-अकड़ कर क्यों चलते हो चूहे चिंटूराम, ग़र बिल्ली ने देख लिया तो करेगी काम तमाम, चूहा मुक्का तान कर बोला नहीं डरूंगा दादी मेरी भी अब हो गई …