साधन से ज़्यादा साथ ज़रुरी – अनु महेश्वरी ANU MAHESHWARI 02/11/2016 अज्ञात कवि 12 Comments न शिकवा करें,न शिकायत करें,साधन से ज़्यादा साथ ज़रुरी होता है।न कभी रूठे रहें,न खामोश रहें,बातों से अपनी खुशहाल ये ज़िंदगी है।खुद का प्रकाश खुद बने,जैसा आए पल जिया … [Continue Reading...]