Tag: रुबाई
सरहदी मधुशालामधुशाला छंद (रुबाई)रख नापाक इरादे उसने, सरहद करदी मधुशाला।रोज करे वो टुच्ची हरकत, नफरत की पी कर हाला।उठो देश के मतवालों तुम, काली बन खप्पर लेके।भर भर पीओ …
II रुबाई IIसलामत है तू, ये ख़ुदा का फज़ल है….चरागे मोहब्बत से, जला मेरा चमन है….निशानी मोहब्बत मेरी, है खंजर पे तेरे…सुकून है मुझे, तेरा उजला पैरहन है…\/सी. एम्. …
हिन्द-मुश्लिम-सिख-ईसाई जुदा न होंगे चारों भाई, हम लेंगे शपथ कर्तव्यों की आज भारत पर होगा अपना ही राज, अपनी डगर होगी सच्ची-साधी न छिनने दें कभी वतन ए आजादी, …
जग की दुश्मन बनी गरीबी,लालच बना है सबका दोस्त नाश किया है अनपढ़ता ने,पकड रही लाचारी जोर हिम्मत कर आगे बढ़ जाना,हमें अपनी मंजिल पाना है कठिन परिश्रम और …
1. लहरों में खिला कंवल नहाए जैसे दोशीज़: ए सुबह गुनगुनाए जैसे ये रूप, ये लोच, ये तरन्नुम, ये निखार बच्चा सोते में मुसकुराए जैसे 2. दोशीज़: ए बहार …
मेरी बला को हो, जाती हुई बहार का ग़म। बहुत लुटाई हैं ऐसी जवानियाँ मैंने॥ मुझीको परदये-हस्ती में दे रहा है फ़रेब। वो हुस्न जिसको किया जलवा आफ़रीं मैंने॥ …