Tag: रिश्तो पर कविता
रिश्तों का अर्थ बदल रहा प्रीत नफरत में उबल रहा वाचाल बना हर कोई यहाँ अपनों को बस कुचल रहा कभी प्रीत की भाषा थी मौन आज बिन बोले …
जीवन में ना जाने ये कैसा परिवर्तन अब आया है मिटते रिश्तों की छवियों ने मन को वीरान बनाया है कभी ना सोचा था जो हमने कैसा आज नज़ारा …
आप के इस प्यार के कायल तो हम सब लोग हैं चाहने वालों का यूँ मिलना भी एक संजोग है एक बात तुमको आज मैं दिल से बताता हूँ …
यह कविता मैंने अपनी छोटी बहन जिसका नाम राखी है के लिए तब लिखी थी जब वो कई सालों बाद एक ही शहर मे रह्ते हुए राखी के पर्व …
रिश्तों का विज्ञान समझना सबके बस की बात नहीं जिनको ज्ञान है इस विद्या का उनको लगता आघात नहीं जो होता नहीं वो दिखता है यहाँ जो दिखता नहीं …
मैं तुम्हारी पत्नी हूँ और तुम्हारे साथ हूँ तुम्हे इसका एहसास जब होता नहीं तो मैं क्या करूँ . हाँ मैंने तुम्हे शादी के बाद सबसे प्रिय व्यक्ति नहीं …
मेरे जीवन का साथी इस दिन इस दुनिया में आया गूँज उठी ये दसों दिशाए और रंग फ़िज़ाओं में छाया सोच रहा हूँ इस अवसर पर मैं उसको क्या …
वो विवाह भी क्या विवाह, जो एक बंधन बन के रहे बिन गर्व और सम्मान के , एक दूजे को सहता रहे. जब दूसरे ही हमको सदा, अपनों से …
हाँ तुम मेरे अपने हो ये कब मैंने इंकार किया नैनों के प्यारे सपने हो ये तो मैंने स्वीकार किया आखिर ये पीड़ाये भी तो अपनेपन की अनमोल निधि …
रोज़ की मुस्कराहटों के बाद आखिर तुमने पूछ ही लिया मुझसे मेरी तन्हाई का सबब. लेकिन तुम क्या जानो कि मैं तुमसे सब कुछ छुपा गया और तुम्हारे हर …
मुझसे नाराज़ होकर सब चले गए पूछा भी ना कि मैं नाराज़ क्यों हूँ. अपनी पीड़ा को आंसुओं को तो दिखा दिया ये किसी ने ना समझा कि मैं …
बुरे वक्त में जो दिल के पास होते हैं ऐसे रिश्ते जीवन में खास होते हैं उम्र यूं ही गुजर जाती है रफ्ता- रफ्ता आलम ए तन्हाई में ही …
जब दिल में दर्द ना उठे और आँख भी रोती नही ऐसे रिश्तों की जहाँ में कद्र फिर होती नही सारी उम्र ऐसी मोहब्बत हम सदा ढूँढा किए समझे …
हर किसी के साथ, जुडा है नाता । चाहे वो दोस्त हो या अजनबी, हमे वो रिश्ते जरूर कुछ-न-कुछ है सिखाता । रिश्तो मे आती है डरारे हजार, फिर …