Tag: देशभक्ति कविता
मैं देश बचाने आया हूँ।पहन वर्दी और बांध तिरंगा सिर पे,वतन की रक्षा के लिए, निकल पड़ा हूँ घर से।होली दीवाली,ईद मुहर्रम वतन के साथ मनाने आया हूँ,दूर रहो …
मैं सैनिक हूँमैं जगता हूँ रातभरचौकस निगाहें गड़ाए हुएउस जगह जहाँ अगली सुबह देख पाऊंइसमे भी संशय हैउसके लिए जो अभी अभीछाती से लगाके सोई है मासूम बच्चे कोमैं …
देश गौरव पर अच्छी आवाहन कविता – भारत भू वीरोँ का गौरव वीरोँ का स्थान ऋषि मुनि यति तपस्वी योगी करते पुण्य सुखद विश्राम । जहाँ सत्यशोधक लोग बढ़े …
जय भारत जय पावनि गंगे, जय गिरिराज हिमालय ; आज विश्व के श्रवणों में, गूँजे तेरी पावन लय । नमो नमो हे जगद्गुरु, तेरी इस पुण्य धरा को ; …
उस दिन की बातें कैसे भुल सकता हूँ? दूसरों के गुलाम में था खाया हूँ अंग्रेज़ों की मार उसकी निशानी अब भी है मेरी देह पर देश को अाजाद …
कवि – अनुज तिवारी माँ का आँचल छीन रहे, जो पाला इन हुरदंगो को ! अस्मत माँ की मैली करते, कर हिंदू-मुस्लिम दंगो को !! आज पाक संग मस्ती …
एक कहानी बतलाऊँ उस देश, उन दीवानों की जो निर्भय हो कर जीते थे आज़ादी के परवानों की जान हथेली पर रख कर सर कफ़न बाँध वो चलते थे …
ए वतन ए वतन ! शत-शत बार है तुझ को नमन, छोटी सी कली हम, तू है मेरा चमन. तेरे उर मैं कितने सितारे, तू है प्यारा गगन. अनेकता …
हे भारत माता ! है मेरे दिल का ये अरमान, काश मैं भी होता सेना का जवान. हम करते हैं तुझसे दिलों-जां से प्यार, गर काम न आ सका …
रूद्र अवतरित रूह अपनी हर दिशा है डोल रही माटी के बेटों की कहानी गली गली है बोल रही संगीन है रंगीन अब मुहं पर रक्तचाप लिए मुट्ठियाँ भींच …
लहरा के कहता है तिरंगा सब जवानों आज तो तुम्हें बचाना है अपनी भारत माँ की लाज को पी कर जिसके दूध को बने करमचंद से महात्मा भगतसिंह सुभाष …
मेरे देश की माटी सोना… मेरे देश की माटी सोना, सोने का कोई काम ना, जागो भैया भारतवासी, मेरी है ये कामना। दिन तो दिन है रातों को भी …
जो कुछ भी इस देश में है, सारा का सारा हिंदी है. हर हिंदी भारत माँ के माथे की उज्जवल बिंदी है…. मणिपुरी, कथकली, भरतनाट्यम, कुचपुडी, गरबा अपना है. …
मान जा पाकिस्तान मान जा वरना अंजाम तेरा बुरा होगा मिट्टी में मिला देंगे तुझे वचन ये मेरा पूरा होगा I कर दे आंतकवाद बंद अभी भी …