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पिता पर कविता
“बाबुजी….. है अस्तित्व मेरा उनसे उनसे ही मेरी पहचान है, नाम रखा “इंदर” मेरा भोले नाथ जिनका नाम है, करके हमें अनाथ वो नाथ चले गये, अपनी यादों को …
यह रचना मेरी बेटी ने मेरे लिए लिखी थी, इसको आपके साथ साझा कर रहा हूँ, आशा है आप सब का स्नेह आशीर्वाद इस बच्ची को प्राप्त होगा !! …
तूने इतना दिया है ईश्वर लौटा भी न पाऊँ में मरकर !! शायद मुझे जवाब मिल गया है सोच कर मेरे चेहरा खिल गया है !! बहुत सोचने पर …
तूने इतना दिया है ईश्वर लौटा भी न पाऊँ में मरकर !! में मुझमें बहुत सी कमियां देखता हूँ , हर बदलते मौसम की नर्मियाँ -गर्मियां देखता हूँ !! …
॥ धन्यवाद है ईश्वर ॥ तूने इतना दिया है ईश्वर लौटा भी न पाऊ मैं मर कर ॥ नादाँ सा बच्चा था मैं जब नहीं मालूम था ईश्वर कौन …
पिता नहीं परमेश्वर कहो जीवन का आधार है जो शाखा फूल पत्तिया हम, जीवन का करतार है वो दुःख में सुख की छाया बन कष्टो का करे निवारण जो …