25+ Beautiful Poems on Daughter in hindi – प्यारी बेटी पर सुंदर कविताएँ हिंदी में

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Poems on Daughter in Hindi:

बेटियां जिन्हें हम दुनिया की सारी खुशियां देना चाहते हैं। इंसान अपने बच्चों को खुद से ज्यादा प्यार करता है। खासकर अगर यह एक बेटी है।दुनिया भर में कुछ जगहों पर लोग बेटी को देवी के रूप में पूजते हैं। जीवन में बेटी पाकर लोग बहुत खुश हैं। उसे जीवन में लाना एक आशीर्वाद है।

आइए इस पोस्ट की शुरुआत हमारे उपयोगकर्ताओं और साथ ही कुछ प्रसिद्ध हिंदी कवियों द्वारा लिखी गई कुछ खूबसूरत कविताओं (Poems on Daughter) से करते हैं। कविताएँ आज बहुत बड़ी और गहरे अर्थ वाली हैं। आप इसे और अधिक पसंद करेंगे क्योंकि इसमें वह सब कुछ है जो आप बेटियों पर कविता की तलाश में हैं।

आशा है कि आप इसे पसंद करेंगे और अपनी प्यारी बेटी के साथ पोस्ट करके दिखाएंगे कि आप वास्तव में उनसे कितना प्यार करते हैं।

Poems on Daughter – बेटियों पर कविता

1. ऐ मेरी प्यारी गुड़िया – Poems on Daughter in Hindi

ऐ मेरी प्यारी गुड़िया जीवन से भरी,
खुशियो की कड़ी जब से आई तू मेरे अंगना।

मेरे भाग्य खुले घर लक्ष्मी बसीऐ,
तेरे मासूम सवालो की लड़ी तोतली जुवा से,

हर एक बोली गुस्से मे कहे या रूठ कर
बोली लगती सुमधुर गीतो से भलीऐ।

घर लौटता शाम थक कर चूर चूर साहब के डाट से,
मन मजबूर सुन कर मेरे दो पहिए की आवाज।

भागी आती तू मेरे पास तेरी पापा पापा की पुकार,
हर लेती सब कर देती नई ऐ।

सोचता हू जब तू बड़ी होगी,
तेरी शादी लगन की घड़ी होगी।

कैसे तुझको बिदा दुंगा,
कैसे खुद को सम्भालुंगा,
सहम जाता हू निबर पाता हूं,
क्यो एैसी रीत बनी जग की ऐ।

अरूण कुमार झा ‘बिट्टू’

2. बेटी (कविता) – Poems on Daughter in Hindi

बेटा है कुल दीपक,
जिससे होता एक घर रौशन ।

दो कुल की रोशनी जिससे,
बेटी है घर की रौनक।

सुन लो ऐ दुनिया वालो,
बेटी बोझ नहीं होती,
समझे जो लोग बेटा-बेटी को सामान ,
उनकी निम्न सोच नहीं होती।

बेटा है लाठी बुढ़ापे की,
बस कहने को,
बेटी है वास्तव में
सहारा माता-पिता का।

बेटा अगर है अभिमान,
बेटी गुरुर है माता-पिता का।
बेटे अगर हैं माता-पिता की आँखें ,
तो बेटी उनकी नाक(प्रतिष्ठा) है।

बेटे तो मात्र एक घर /कूल की शान है ।
मगर बेटी दोनों कूलों (ससुराल-पक्ष व् मायका पक्ष ) दोनों की शान हैं।

बेटी होती है पराया धन,
मगर “अपने” बेटे से कहीं अधिक,
अपना होता है वोह पराया धन।

पास रहकर भी जो बेटा,
माता-पिता के कष्टों से रहे अनजान।
मगर सौ कौस की दूरी से भी माता-पिता ,
में जिसके बसते हैं प्राण।

माता-पिता व् बेटी के जुड़े रहे एक तार से मन ,
ऐसी आत्मीयता ,
ऐसी घनिष्ठता सिर्फ एक बेटी ही दे सकती है।

ओनिका सेतिया ‘अनु’

3. बिटिया – Poems on Daughter in Hindi

दुनिया का भी दस्तूर है जुदा, तू ही बता ये क्या है खुदा?
लक्ष्मी-सरस्वती, हैं चाह सभी की, क्यों दुआ कहीं ना इक बेटी की ?

सब चाहे सुन्दर जीवन संगिनी, फिर क्यों बेटी से मुह फेरे ,
लक्ष्मी रूपी बिटिया को छोड़, धन-धान्य को क्यों दुनिया हेरे |
क्या बेटे ही हैं जो केवल, दुनिया में परचम लहरा पाते ,
ना होती बेटी जो इस जग में, तो लल्ला फिर तुम कहाँ से आते?

वीरता की कथा में क्यों अक्सर, बेटों की कहानी कही जाती ,
शहीदे आज़म जितनी ही वीर, क्यों झाँसी की बेटी भुलाई जाती |
बेटे की चाहत में अँधा होकर,क्यों छीने उसके जीवन की आस ,
बेटी जीवन का समापन कर, क्यों भरे बेटे के जीवन में प्रकाश |

इतिहास गवाह उस औरंज़ेब का, शाहजहाँ नज़रबंद करवाया ,
क्या भूल गया उस कल्पना को, जिसने चंदा पर परचम लहराया |
पुरुष प्रधान के इस जग में,क्यों बेटे की चाह में तू जीता ,
मत भूल ! बेटी के लिए जनने वाली से पहले, पहला प्यार होता है पिता |

सुन ले तू ऐ बेटे के लोभी, बेटी पालन तेरे बस की बात ,
खुदा भी कैसे बख़्शे तुझे बेटी, छोटी है बहोत तेरी औकात |
दुनिया का भी दस्तूर है जुदा, तू ही बता ये क्या है खुदा?
लक्ष्मी-सरस्वती, हैं चाह सभी की, क्यों दुआ कहीं ना इक बेटी की ?

रोशन सोनी

Famous poems about daughters in Hindi – बेटियों के बारे में प्रसिद्ध कविताएँ हिंदी में

1. आखिर वो कौन है

आखिर वो कौन है ……….???

चाहती है दिलो-ओ -जान से
मुझ पे वो कितना मरती है
बुनती हर ख्वाब निश दिन
मेरे आसरे वो दम भरती है

नित संध्या बाट निहारे
डयोढ़ी संग खड़ी ताकती है
अब आ रहे होंगे शायद
हर पल बाहर को झांकती है

करती है मांगे नाना प्रकार
कभी हँसती, कभी रूठती है
परवाह करे कोई बाद माँ के
दुआओ में मेरी ख़ुशी मांगती है

खबर मुझे है, ज्ञात उसे भी
उम्र सारी न साथ गुजरनी है
पर जब तक संग एक दूजे के
जिंदगी जन्नत से प्यारी है !!

थका मांदा जब घर लौटता हूँ
मेरी बाहो में वो सिमट जाती है
भूल जाता हूँ उस क्षण दुनिया को
सारे जहां की खुशियाँ मिल जाती है !!

रात दिन उसके ख्वाबो को
साकार करने में मिट मिट जाता हूँ
कैसे रह पाउँगा बिन उसके
जिससे अपना घर रोशन पाता हूँ !!

जीत हूँ दिन रात डर डर के
सहमे सहमे खुशियाँ मनाता हूँ
मान-सम्मान मेरा सब कुछ
उसके दम पे शीश उठाता हूँ !!

बना रहे मेरा विश्वास अडिग
अगर जीवन में सफलता वो पाती
जग से कह सकूंगा उठा शीश मैं
हाँ बेटे से प्यारी मुझे मेरी बेटी है

फूलो जैसे उसको संवारा
आँगन सदा जो महकाती है
अनमोल रत्न मेरे जीवन का
वो मेरे घर की अपनी बेटी है !!
वो मेरे घर की अपनी बेटी है !!
वो मेरे घर की अपनी बेटी है !!

डी. के निवातियाँ

2. मेरी बिटिया निर्धनी

चन्दन के द्वारे हैं तेरे,
मुझ की कुटिया अनमनी,
राजी राजी पंख पखारे,
अपनी कहानी अनकही।

सौरभ का खटोला डोले,
खटिया अपनी जर सनी,
सप्तरस ले चटकारे,
चटनी अपने घर बनी।

दुनिया तुमको सर चढ़ाये,
मुझ पर घर की धुन तनी,
भोज तोरा कूकर बिगाड़े,
यहाँ दाल भी नहीं बनी।

रास्तों पर सिगरेट सुलगाये,
नस्लें तेरी पढ़ी लिखी,
तुझ को भी तेवर दिखाए,
नीति तेरी घर घढी।

कुबेर सा धन कबाड़े,
निर्लझ तेरी मनमनी
और मेरा घर बुहारे,
मेरी बिटिया निर्धनी।

राकेश कुमार

3. जब बेटी

पलकों को बंद करके,
नन्ही परी सो जाती है।
जाने दूर सपनो में,
कही खो जाती है।।

ठक ठक भरती कदम,
होल होल उठाती है।
अपने आप में खोई,
गुड़ियों से बतलाती है।।

मुड़कर देखती है,
बड़ी माशूमियत से कभी।
छोटी सी तितली,
टूटे दांत दिखाती है।।

बड़ी प्यारी हैं बातें उसकी,
तोतली जबान भाती है।
किसी वीणा सी बज़ती है,
जब वो खिलखिलाती है।।

गूस्सा उसका तीखा है,
मिजाज थोड़ा फीका है।
ओढ़ती है माँ की चुनरी,
और माथे पर टीका है।।

जिद उसकी हठीली है,
लड़की छैलछबीली है।
नाजुक सा पंख है वो,
गुड़ियाँ रंग रंगीली है।।

छुपना छुपाना उसका,
मन मन मुस्काना उसका।
अचानक घबराना उसका,
आखें फिर दिखाना उसका।।

वो एक दीयाबाती है जिससे,
जिन्दंगी जगमगाती है।
मेरी रूह चैन पाती है,
जब बेटी गले लग जाती है।।

राकेश कुमार
जब बेटी - Famous poems about daughters
जब बेटी – Famous poems about daughters

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Best Hindi poem for daughter – बेटी के लिए सबसे अच्छी हिंदी कविता

1. मुझको मेरा हक दो

मुझको मेरा हक दो पापा,
बहुत कुछ कर दिखलाऊँगी !
लेने दो खुली हवा में सांसे,
बेटे से ज्यादा फर्ज निभाऊंगी !!

मुझको मेरा ……………… कर दिखलाऊँगी !!

उड़ने दो किसी पतंग के जैसी,
आसमान को छुकर आउंगी !!
क्यों डरते हो हैवानी दुनिया से
अकेली सब पर भारी पड़ जाउंगी !!

मुझको मेरा ……………… कर दिखलाऊँगी !!

माना डगर कठिन बहुत है,
मंजिल तक फिर भी जाउंगी !
मुझ पर करो भरोस तुम,
कभी न दुःख पहुँचाऊँगी !!

मुझको मेरा ……………… कर दिखलाऊँगी !!

करो हौसले मेरे बुलंद तुम,
अधूरे सपने पूरे कर दिखलाऊँगी !
मत आंको कम मेरी ताकत,
संतान का हर फर्ज निभाऊंगी !!

मुझको मेरा ……………… कर दिखलाऊँगी !!

समझा देना मात मेरी को,
जिसने नारी का हर दुःख झेला है!
रखे हौसला अब दिन दूर नही,
जब तुम दोनों का सम्मान बढ़ाउंगी !!

मुझको मेरा ……………… कर दिखलाऊँगी !!

आएगा कभी वक़्त बुरा भी,
हर सुख दुःख में साथ निभाऊंगी !
नहीं बनूँगी कमजोर कड़ी मैं,
अपने घर की ताकत बन जाउंगी !!

मुझको मेरा ……………… कर दिखलाऊँगी !!

शान हूँ अपने बाबुल की,
कभी न नीचा दिखलाऊँगी !
खेले अगर कोई मेरी आन से,
रूप दुर्गा चंडी का भर जाउंगी !

मुझको मेरा ……………… कर दिखलाऊँगी !!

मुझको मेरा हक दो पापा,
बहुत कुछ कर दिखलाऊँगी!
लेने दो खुली हवा में सांसे,
बेटे से ज्यादा फर्ज निभाऊंगी !!

डी. के. निवातियाँ

Poem for daughter on her wedding day in Hindi – बेटी की शादी के दिन हिंदी में कविता

(यह रचना बिटिया की विदाई के बाद घर में उपजे माहौल पर प्रकाश डालती है, इसका पूर्ण आनंद लेने के लिए ह्रदयतल की गहराइयो में उतर कर रसास्वादन करे )

1. बिटिया रानी…..चली गयी

जिस रोज़ से बिटिया रानी,
तू बाबुल आँगन छोड़ चली गयी,
मिलन को तरस रहे है नैना,
क्यों बाबुल से मुख मोड़ चली गयी,
अति हुई है अब तो आजा,
प्यासी आँखे द्वारे टिकी रहती है !!

निर्झर बरसते है हम सब के नैना,
कपोलो पे जल धारा बहती है !
घुमड़-घुमड़ उमड़े मन बदरा,
बिटिया जब याद तुम्हारी आती है !!

सूना पड़ा है कोना कोना,
घर में नजर न रौनक आये तेरे बंचपन कि अठखेलिया,
रह-रह पागल मन को सताये,
आस लगी है तेरे मिलन की,
हर पल तू ही खयालो में रहती है!!

निर्झर बरसते है हम सब के नैना,
कपोलो पे जल धारा बहती है !
घुमड़-घुमड़ उमड़े मन बदरा,
बिटिया जब याद तुम्हारी आती है !!

पूछते है ये दर और दीवारे,
अब तो धूमिल हुई है तेरी किताबे,
चुनर लटकी एक कोने में,
तेरे आँचल पे सवरने को ललचाती है,
कब आयेगी मेरी लाडली,
घर की एक चीज़ मुझसे ये कहती है !!

निर्झर बरसते है हम सब के नैना,
कपोलो पे जल धारा बहती है !
घुमड़-घुमड़ उमड़े मन बदरा,
बिटिया जब याद तुम्हारी आती है !!

रसोई में रहता है सूनापन,
कुटिया में खामोशी छायी रहती है,
वो चिड़िया भी नित आती आँगन,
चीं चीं कर तेरे ही नाम को रटती है,
सदा करे बस सवाल एक ही,
मेरी सहेली से मिलवा दो ,
कहकर उड़ जाती है !!

निर्झर बरसते है हम सब के नैना,
कपोलो पे जल धारा बहती है !
घुमड़-घुमड़ उमड़े मन बदरा,
बिटिया जब याद तुम्हारी आती है !!

बात करता हूँ तस्वीरो सेमगर आवाज न उनसे तेरी,
आती है धुंधला पड़ा आईना कोने में,
जब देखूं तेरी परछाई नजर आती है,
मत तरसा लाडली अब तो आजा,
क्यों बूढी आँखों को तड़पाती है !!

निर्झर बरसते है हम सब के नैना,
कपोलो पे जल धारा बहती है !
घुमड़-घुमड़ उमड़े मन बदरा,
बिटिया जब याद तुम्हारी आती है !!

छुटकी भी अब हुई सयानी,
जो पहले बात बात पर तुझे सताती थी,
अब धीर गंभीर करती बाते,
जिसकी हँसी से ये कुटिया गुंजयाती थीलगने लगी है,
अब बड़ी अबोध जाने क्यों वो भी गुमसुम सी रहती है !!

निर्झर बरसते है हम सब के नैना,
कपोलो पे जल धारा बहती है!
घुमड़-घुमड़ उमड़े मन बदरा,
बिटिया जब याद तुम्हारी आती है !!

तख़्त पे बैठी बूढी मैय्या,
हर आहट पे नाम तेरा बुलाती है,
जिगर तो तेरे संग गया,
अब निर्जर देह प्राणों से लड़ती है,
अब कैसे उसको समझाऊ,
बिटिया नही रही अब तेरी,
वो तो हुई पराई है !!

निर्झर बरसते है हम सब के नैना,
कपोलो पे जल धारा बहती है !
घुमड़-घुमड़ उमड़े मन बदरा,
बिटिया जब याद तुम्हारी आती है !!

डी. के. निवातिया

2. बेटियाँ

पता नहीं कब
बड़ी हो जाती हैं बेटियाँ
जैसे,
बड़े होते हैं पेड़,
बड़े होते हैं दिन,
बड़ी होती हैं रातें।

पता नहीं कब,
ओढ़ लेती है चादर,
शर्म –ओ- हया के,

पता नहीं कब उसका शरीर,
बन जाता है,
शरीर कहलाने लायक।

पता नहीं कब,
खिल जाते हैं फूल,
खिल जाती है बेटियाँ।

मुरझा जाते हैं फूल,
मुरझा जाती हैं बेटियाँ।

पता नहीं कब,
बुहारन बन जाती हैं बेटियाँ।

लाख कोशिश के बावजूद चौखट में,
फंसी रह जाती हैं बेटियाँ

पता नहीं कब,
उसके बाल कंघी में,
उलझने लगते हैं।

पता नहीं कब,
माँ का स्नेहिल आँचल,
बन जाता है।

इज्जत ढकने का वस्त्र,
कंधे झुक जाते हैं।

जब आती हैं बेटियाँ,
आँखे भर आती हैं।

जब जाती हैं बेटियाँ,
पता नहीं कब,
आती हैं बेटियाँ,
और क्यों,
चली जाती हैं बेटियाँ……।

पंकज कुमार साह

3. बेटी बलिदानों का घर

हुई बेटी की विदाई तब जाना क्या होती हे बेटी,
बचपन से पला पोसा सब प्यार दिया आज जब वो दूर हुई तो जाना क्या होती हे बेटी।

बेटी बलिदान का गर होती हे ,
जन्म से लेके मोत तक बलिदान देती हे बेटी।

बचपन में भाई के लिए अपनी इछाओ की बलि देती हे बेटी,
जवानी में अपने प्यार की बलि देती हे बेटी।

शादी पे अपने माँ बाप की (छोड़ कर ) बलि देती हे बेटी
लडको के लिए बेटी की बलि देती हे बेटी।

परिवार के लिए अपनी खुशियों की बलि देती हे बेटी
क्या कभी मर्दों ने किसी बेटी के लिए बलि दी हे।

नही तो आप को कोई हक़ नही बनता की उसके सम्मान,
विचारो, आदर्शो की बलि ले हाथ बढाओ बेटी बचाओ।

राठौड़ साब “वैराग्य”

A Daughter’s Little Request to the Father – एक बेटी का पिता से छोटा सा अनुरोध लेखक

पापा पराई नहीं होती है बेटियां थोड़ा खुद को समझा लो न,
तुम्हें भगवान मानती हूं मैं मुझे भक्त समझ अपना लो न।

भाई की छोटी सी उपलब्धि पर भी प्यार बहुत लुटाते हो,
पर मेरी बारी आती है जब तक तुम क्यों कंजूसी कर जाते हो।
पापा भाई की तरह मुझको भी कभी घर का चिराग कह कर पुकारो ना,
चलो बेटी ने सही मुझको खुद का ही रक्त समझन अपना लो ना।।

पापा पराई नहीं होती है बेटियां थोड़ा खुद को समझा लो न,
तुम्हें भगवान मानती हूं मैं मुझे भक्त समझ अपना लो न।

ख्वाब सजाए हैं बहुत से मैंने बस सबको दिल में ही छुपा रखा है,
टूट ना जाए जाहिर करने से इसलिए सीने में दबा रखा है।
पापा मेरे सारे सपने सच हो जाए बस इतना खुद को मना लो ना,
मेरी खूबियों को निखार दो थोड़ा और मेरी सब कमियों को छुपा लो ना।

पापा पराई नहीं होती है बेटियां थोड़ा खुद को समझा लो न,
तुम्हें भगवान मानती हूं मैं मुझे भक्त समझ अपना लो न।

मेरा बेटी होना क्यों कलंक हो गया यह मुझको अब तक समझ में आया है,
घर की चारदीवारी में घुट कर रहना क्यों मेरे हिस्से आया है।
मां तुम तो दिल भी पढ़ सकती हो थोड़ा पापा को भी पढ़ना सिखा दो ना,
आईने की तरह साफ हूं मैं भीतर से चुपके से उन्हें बता दो ना।

पापा पराई नहीं होती है बेटियां थोड़ा खुद को समझा लो न,
तुम्हें भगवान मानती हूं मैं मुझे भक्त समझ अपना लो न।

अभिमन्यु कुमार स्याल

सेव द गर्ल चाइल्ड कविता (Save the Girl Poem) पर सिमरजीत सिंह ने एक खूबसूरत कविता पोस्ट की है। आप वीडियो को यहां देख सकते हैं।

Save the Girl Poem

Closing Words on Poems on Daughter in Hindi – बेटियों पर कविताओं पर अंतिम शब्द

लड़कियां भविष्य हैं। हमें लड़की के खिलाफ हिंसा, गर्भपात को रोकना चाहिए और उन लोगों के साथ भी मजबूती से खड़ा होना चाहिए जो अभी भी बच्ची के खिलाफ हैं या उन्हें स्वीकार नहीं करते हैं।

तो यह सब आज की पोस्ट Best Poems on Daughter in Hindi के लिए है और हम आशा करते हैं कि आप सभी ने बेटियों पर सुंदर, शीर्ष पायदान की कविताओं का आनंद लिया है।

Sahitya Hindi
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Sahitya Hindi

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