Tag: नारी पर कविता
मैं आनंद दायिनी आँगन मेंफूलों सा खिलता हूँ सुगंध फैलता हूँ .पंख फैलाकर उड़ती हूँ अनंत नील आसमान में शिकारियों की तीक्षन दृष्टि मुझ पर है डर लग रहा …
मै अबला नादान नहीं हूँदबी हुई पहचान नहीं हूँमै स्वाभिमान से जीती हूँरखती अंदर ख़ुद्दारी हूँमै आधुनिक नारी हूँपुरुष प्रधान जगत में मैंनेअपना लोहा मनवायाजो काम मर्द करते आयेहर …
क्या कहू की धीरज बंधक हैंसपनो का वो आकाश नहीहर एक फिजा हारी गैरतक्यो बेटी एैसी बेहाल हुईकुछ कोख मे मारी जाती हैंकुछ मरन जन्म पे पाती हैंकुछ शिक्छा …
जग जननी हूँ, जग पालक हूँ मैं नारी हूँ, न किसी से हारी हूँ निःशेष लोक जन्मा मेरे उर से फिर भी मैं ही कोख में मारी हूँ !!जग …
नारी तुम! सुकुमार कुमुदुनी सौम्य स्नेह औ प्रेम प्रदाता धरती पर हो शक्ति स्वरूपा तुम रण चंडी भाग्य विधाता।। संस्कारों की शाला तुम हो तुम लक्ष्मी सावित्री सीता सत्कर्म …
वह भी चाहती है निडर होकर रहना आनंद के साथ टहलना -देोड़ना उस माटी पर जाँहा धरती को माँ कहा जाता है पेड़ -पेोधों, नदि -नालों और पत्थरों को …
लड़की गरीब घर की है जल की मछली जैसी और मछली गरीबी नामक फंदा देखती है स्वप्न मे मानना नहीं चाहती हार और पढ़ना -लिखना चाहती है प्रकाश की …
आज दोपहर मेरी माँ मन में ठान लिया लिखेगी कविता कल, आज और कल की बातें बहुत सोचकर उन्हे शब्दों में पिरोने चाहा रचना चाहा कविता इतने पर दस्तक …
नारी तेरी नारीत्व नहीं किसी का मोहताज। तु ही दुर्गा तू ही काली तु ही लक्ष्मी तू ही सरस्वती तु है माया तू महामाया तुझ में यह सृष्टी समाया …
रो पड़ा फिर आसमा दर्शी निकल पड़ी धरती की चीख एक नारी ने त्यागा तन फिर खो कर अपनी आबरू और धीर हाथ उठे जब दुर्शासन के ली न …
नारी एक नज़रिया जीवन को समझने का ज़रिया पर दुर्भाग्य हमारी, जो अर्धांग्नी कहलाये उसे हम आज तक समझ ना पाये जबसे हुई तेरी प्रस्तुति करते आये सभी स्तुति …
सबला नारी भोर के प्रथम प्रहर से शुरू होती है दिनचर्या तिल-तिल तन-मन हार दौड़ती उसकी जिंदगानी !! (१) किसी के लिए माँ बनीं बनीं किसी की बहूरानी, एक …
लड़की, नारी, स्त्री इन नामो से जानी जाती है कई उपाधियाँ भी है बेटी, पत्नी, माँ अनेक रूपो मे नज़र आती है पहले घर की रौशनी कहा तो …
————- तुम्हारे अवसान को कुछ ही वक़्त बीता है और तुम जा बसे हो उस नीले नभ के पार इंद्रधनुषी रंगो मे नहाकर मुझे फिर से आकर्षित करने को …
रोशनी की कीमत पहचान ली परवाह नही अब किसी रिश्ते की आदत नही शिकायत की उम्मीद है सफलता की नन्हा सपना दुआओं के असर से तन्हा जीवन मे खुशियाँ …