Tag: ज़िन्दगी पर कविता
हमदर्द ढूंढते हो, दर्द के साये में रहते हो, और हमदर्द ढूंढते हो, बड़े नादाँ मरीज़ हो, खुद-ब-खुद मर्ज़ ढूंढते हो !! खुदगर्ज़ी की जीती जागती मिसाल हो आप, …
तुम बहुत याद आते हो, तुम बहुत याद आते हो,क्यों इतना सताते हो जीने देते,न मरने देते हो क्यो इतना रुलाते !! जब से तुम चले गए दुनिया हमसे …
हुई महंगी मुबारकबाद *** हुई महंगी बहुत ही मुबारकबाद, के सोच समझ कर दिया करो, देना हो जरूरी,तो रखना हिसाब, हर घड़ी हर शख्स को न दिया करो..!! कुछ …
आदमी है, खाता है, *********** आदमी है, खाता है, खाकर भी गुर्राता है, करता है खूब चोरी साथ में सीना जोरी कर के गर्व से चौड़ी छाती लाल पीली …
रिश्ते *** *** रिश्ते वही मगर, रिश्तो में रिश्तो की वो बात नहीं है, सम्बन्ध वही, मगर सम्बन्धो में ज़ज्बात नहीं है, घर में बैठे, चार प्राणी अपनी गर्दन …
फूल वो सुख नहीं देता जिसकी खुशबू में खामी है तुम आगे बढ़ नहीं सकते अगर मन में गुलामी है भले कांटें अनेकों हैं महकते गुल की सोहबत में …
बंदिशे … कुछ बंदिशे भी शायद ज़रूरी है .. भाग रहे थे हम सपनों के पीछे , कुछ बंदिशों ने हमे अपनों से मिला दिया। आज दो वक़्त की …
हट गया है आंख से पर्दा सभी के प्यार का अब नजर आने लगा है झूठ सब संसार का जिंदगानी कुछ नहीं मुझ को समझ आया यही एक खेला …
तोड़ देना काश रिश्तों को बहुत आसान होता मन तनहा देखो हमारा फिर तो ना परेशान होता राहगीरों की खबर जो पूछ कर के जान लेते इस सफर में …
दिखने में तो इंसान हूँ ,मगर क्या वास्तव में इंसान हूँ ?न दिल अपना ,न दिमाग अपना ,जो जिधर कहे वहीं चला जाता हूँ ।कभी गाँव से शहर की …
एक बार गिर के नजर में कोई भी चढ़ता नहीं है फिर प्रेम आंखों में ऐसी कोई भी पढ़ता नहीं है तुम बात समझे ना मेरी दिल को हमेशा …
मौत की नींद में तो एक दिन सब ही को सोना है बता इंसान फिर काहे को अपना चैन खोना है अरे उड़ने दे जो उड़ता है ऊंचे आसमानों …
एक दिल और सौ अफसाने ,कुछ जाने और कुछ अंजाने ।जैसे एक नज़र में लाखों सपने ,कुछ अधूरे और कुछ है अमल में ।अमल में क्या है ? बस …
ये जिंदगी के मोड़ सभी आते ना रास हैं कहते नहीं हैं वो मगर रहते उदास हैं मन में ख़ुशी रहे अगर तब देख लेंना तुम कैसे भी पहन …
देखो तनहा जिंदगी का मेला तो वीरान होगा कर लो मुहब्बत किसी से जीना भी आसान होगा मुहब्बत के बिन तो गरीबी हर पल रहेगी जहन में मिलेगा जिसे …
चलते रहे हैं देख लो मंजिल ना पास है कोई नहीं है जिससे कहें तू सबसे खास है रिश्तों की भीड़ में कोई रिश्ता नहीं मिला कैसे कहूं कि …
हरदम रहे है साथ मगर दिल तो मिले नहीं बगिया में महके फूल तभी देखो खिले नहीं जाने क्या क्या सोच कर के मैं खामोश हो गया चुप हूं …
उलफत ना तुम तलाश करो कहते ये लोग हैं खुशियों की चाह में यहां मिलते वियोग हैं जड़ से खत्म ना हो सके कोशिश करीं कई दुनिया से पूछ …
भूलेंगे तुझको कभी ना वादा है इस बात का सुन फिर से मैं तुझपे उगूंगा बोल शाखा को ये पात का सुन नींदें लगेंगी तभी तो ख्वाबों में कोई …
तूफान आते रहेंगे जीवन भी चलता रहेगा मिले ना मिले तू मुझे पर प्यार अपना पलता रहेगा ठोकर लगे ना तो जीवन में कोई दर्द को ना जाने गिरता …
हसीं सपने सभी टूटे जरा सी चूक से देखो कभी ना गीत सुन सकते हो तुम इक मूक से देखो अरे गर बोल हों मीठे तो इंसा गम भुला …
यह क्या रोग लगाया है खुद को ए ज़िंदगी ! ,जिंदगी से कहीं पीछे छुट गयी तू ज़िंदगी । कितनी हसरतें थी तेरी,और कितनी चाहते , वो सब तुझसे …
आज़ादी ! आज़ादी !आज़ादी !,बस रट लगा रखी है ‘आज़ादी ‘।इस लफ्ज की गहराई जानते हो ?आखिर क्या है यह आज़ादी ?ऊंची सोच और विशाल ह्रदय ,सयमित जीवन है …
गलती करी है तो उसे सहने का दम रखो इस जिंदगी के खेल में आशाएं कम रखो ताली बजी है ना कभी एक हाथ से सुनो सच को झुटलाने …
समय ने छल किया मुझसे तो अब ये हाल है मेरा बड़ा मायूस रहता हूं ना चमका भाल है मेरा बड़ी लम्बी हुई तुमसे जुदाई की घड़ी देखो बताऊं …