Tag: लाचारी /विवस्तायों मे फंसी ज़िन्दगी
फूल वो सुख नहीं देता जिसकी खुशबू में खामी है तुम आगे बढ़ नहीं सकते अगर मन में गुलामी है भले कांटें अनेकों हैं महकते गुल की सोहबत में …
सच्चाई एक छत्ता हैहमें चुन – चुन के रस भरना हैखट्टे मीठे तीखे कसैले हैं सब रंग तू तय करले तुझे कौन सा स्वाद चखना है सच्चाई…. Оформить и …
हट गया है आंख से पर्दा सभी के प्यार का अब नजर आने लगा है झूठ सब संसार का जिंदगानी कुछ नहीं मुझ को समझ आया यही एक खेला …
दिखने में तो इंसान हूँ ,मगर क्या वास्तव में इंसान हूँ ?न दिल अपना ,न दिमाग अपना ,जो जिधर कहे वहीं चला जाता हूँ ।कभी गाँव से शहर की …
कोरोना वीरो को प्रणाम *** कोरोना वीरो का अमिट बलिदान,याद रखेगा बच्चा बच्चा हिंदुस्तान,इनकी मेहनत औ दरियादिली का,गुणगान युगों युगों करेगा ये जहान !! डर अब अंतस में रम …
जी ना सके ए जिंदगी तुझको मलाल है क्या तुझे अब भी कोई मेरा ख्याल है थे बहुत मजबूत पर चोटें तो लग गईं पत्थर भी टूटते हैं जो …
कयामत आई कोरोना की कयामत आई नज़रबंदी की किसने सोचा था ऐसा होगा मनुष्य घर में पागल होगा कुछ सूझ नहीं रहा कुछ बूझ नहीं रहा कयामत की इस …
ये जिंदगी के मोड़ सभी आते ना रास हैं कहते नहीं हैं वो मगर रहते उदास हैं मन में ख़ुशी रहे अगर तब देख लेंना तुम कैसे भी पहन …
प्रेम असली जो होता है उसे हम जान जाते हैं तेरे व्यवहार नकली को सदा पहचान जाते है नहीं रूह से जुड़े जो आज तक सुन लो जरा उनकी …
जलता रहा हूं उम्र भर तनहा ही आग में कुछ खोट तो जरूर है मेरे चिराग में वो फूल मैंने ए खुदा घर के लिए चुना कोई मिठास है …
हरदम रहे है साथ मगर दिल तो मिले नहीं बगिया में महके फूल तभी देखो खिले नहीं जाने क्या क्या सोच कर के मैं खामोश हो गया चुप हूं …
तेरे बिना भी जिन्दगी ले मैंने गुजार ली गठरी हर इक उम्मीद की सर से उतार ली बीते लम्हों को भूलना आसान तो नहीं अपने वस्ल की हर घड़ी …
उलफत ना तुम तलाश करो कहते ये लोग हैं खुशियों की चाह में यहां मिलते वियोग हैं जड़ से खत्म ना हो सके कोशिश करीं कई दुनिया से पूछ …
आगोश में था जो कभी मुझसे वो दूर है उलफत उसी से हो गई अपना कुसूर है तारीफ़ कर के मैंने उसे रब ही बना दिया आंखों से मेरी …
कुछ इस तरह से बात हुई दिल में उतर गए दिन रात सभी देख लो पल से गुजर गए देखा तुम्हें जो पास से अपना सा सब लगा रसपान …
हसीं सपने सभी टूटे जरा सी चूक से देखो कभी ना गीत सुन सकते हो तुम इक मूक से देखो अरे गर बोल हों मीठे तो इंसा गम भुला …
गलती करी है तो उसे सहने का दम रखो इस जिंदगी के खेल में आशाएं कम रखो ताली बजी है ना कभी एक हाथ से सुनो सच को झुटलाने …
समय ने छल किया मुझसे तो अब ये हाल है मेरा बड़ा मायूस रहता हूं ना चमका भाल है मेरा बड़ी लम्बी हुई तुमसे जुदाई की घड़ी देखो बताऊं …
घाव सूखा नहीं अब तक बना जो तेरे जाने से मगर क्या फायदा तुझको पीर अपनी बताने से आज फिर से कुरेदा दिल के मेरे राज को उसने उभर …
ये जिंदगी के रास्ते तनहा ही कट गएजो भी करीब थे वो सब पीछे को हट गएहम दिल से सोचते रहे वो निकले होशियारबन के हमारे यार सब करते …
ये मेरे मौन की भाषा समझ ना कोई पाएगा जो दिल से सोचता होगा वही नजदीक आएगा यही हाथियार है मेरा किसी से दूर जाने का मुझे दुश्मन लगे …
दिल की ये आरजू है कोई संग में चले मेरे बन के स्वप्न अंखियों में कोई हरदम पले मेरे देखो मैं ढूंढता हूं किसी बिछड़ी सी रूह को कब …
तुमको तलाशते रहे तुम ना मिले मुझे हरदम रहेंगे जान लो कुछ तो गिले मुझे सब कुछ लुटा दिया फकत इक बोल पे तेरे मिल जाते काश इसके एवज …
भेद-भाव के व्यवहार कादस्तक दिया घाव काऐसा हुआ विस्तारकि मासूमियत हुई लाचार आरोपियों की खान काजुर्मों की दुकान काऐसा हुआ विस्तारकि अबला हुई लाचार जरा-जरा सी बात काआकार लेती प्रहार काऐसा …
खता करते हैं जो भी प्यार की वो लोग भोले हैं राज खुद पे गुजर जाने पे अब ये हमनें खोले हैं सभी को ना मिला अमृत यही सच्चाई …