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—-हां मैं वहीं गांव हूं।—- हां मैं वहीं गांव हूं।मैं वहीं पीपल की छांव हूं।जिसे तुम अपनी भौतिक सुखों के लिए कभी गंवार समझ कर छोड़ गए थे।हां मैं …
छत पर टप-टप नाचती-गाती है बारिश की बूँदें | खिड़की के शीशे पर दौड़ लगाती है बारिश की बूँदें | जब दूर आसमान में चलता है काले बादलों का …
POEM NO . 230————मृत काया का रोदन————मृत काया के लिए हुआ आज फिर करुणा मय रोदन |छोटे छोटे बच्चों की आशाओं का हुआ शोषण ||रूठ गए जग छोड़ गए …
अक्सर खामोश रहकर भी,रो लेती है आँखें,अपने दर्द को औरो से,छुपा लेती है आँखें| अनु महेश्वरीचेन्नई Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день …
बच्चों पे ज़्यादा सख्ती,उन्हें झूठ बोलना सिखाती है,उनपे ज्यादा नरमी भी,राह से उन्हें भटका सकती है,जीवन में संयम और अनुशासन के साथ,चरित्रवान वो बने, बस इतना जरुरी है|शिक्षा, सभी …
गम लोगो के सारे, कभी मिट न सके,धूप से छाह, कोई अलग कर न सके,सूख गए खेत, दर दर भटके खेतिहर,बिन बादल वर्षा कभी भी हो न सके,वफ़ा की …
जब तक है स्वस्थ,निःशुल्क मिलती,हवाओं से, फायदा उठा,प्राणायाम रोज किया करे|हो गए बीमार अगर,दवाओं के साथ, तब,ऑक्सीजन की भी,कीमत लग सकती|जब रोग जात-पात,या धर्म नहीं देखता,फिर हम इंसान, क्यों,योग …
बड़ी ही उलझन है,हम सबकी ज़िन्दगी में,”लोग क्या कहेंगे”,यह बात एक न एक बार,हम सबने, अपने बड़ो से,सुनी ज़रूर होगी|कौन है यह लोग?और हमसे नाता क्या है?और क्यों ये …
मेरे साथ घटने वाली,घटना अच्छी हो या बुरी,भगवान में मेरा विश्वास,कभी न डगमगा पायी।बल्कि मेरा तो विश्वासप्रबल हुआ है और भी।अच्छी घटना को मैंने,ईश्वर का प्रसाद माना,और बिना किसी …
धीमी धीमी सी बारिश में, वो भीग जाना तेरा छोटी सी एक ख्वाईश में, वो करीब आना तेरा हमे भी है याद, आज तक वो शर्मा कर नजरें झुकाना तेरा …
Kash hum kabhi bade na hote, bachpan kabhi khatam na hota… Sapne sirf ek barfi tak simit rehte, Apne har dam saath hi hote; School kabhi khatam na hoti, …
आपकी खिदमत में आज कुछ लिखूं जनाब, ये कलम की चाहत और मेरे अरमान हैं..। लगता है आज आपकी तारीफ में, मेरे शब्दों का इम्तिहान है…।। आपकी आंखों की …