Tag: नज़्म
हमदर्द ढूंढते हो, दर्द के साये में रहते हो, और हमदर्द ढूंढते हो, बड़े नादाँ मरीज़ हो, खुद-ब-खुद मर्ज़ ढूंढते हो !! खुदगर्ज़ी की जीती जागती मिसाल हो आप, …
चल देता हूँ मैं *** कुछ लिखता हूँ, और लिखकर चल देता हूँ मैं, क्रोध में भी मस्ती को भरकर चल देता हूँ मैं ! है पसंद मुझे, सब …
अपने ही घर में बेगाना हूँ,हालत पर अपनी बेचारा हूँ ।।मैं सबका सब मेरे है फिर भी,अपनों के बीच अनजाना हूँ,।।कहने को है सारा शहर मेरामुर्दो की भीड़ में …
जब से हम कांटो को, गले से लगाने लगे हैलोग फूलो की चुभन से, हमे सताने लगे है !दर्द से रिश्ता कुछ ख़ास-म-खास हुआ हैमर्ज़-ऐ इश्क में खुद सुधार …
खुराफात हो जाए *** शैतानों की भीड़ में अगर इंसान से मुलाक़ात हो जाए,मैं समझू, की मेरी ईश्वर , अल्लाह से बात हो जाए !! झूठों के नगर में …
मुझसे दूर जाकर, मेरे ओर करीब आ गई, अमर होकर “माँ” तू अब मुझमे समा गई !! नासमझ थी मैं, जो तुमको खोकर रोई,मालूम न था, मैं तुमको सर्वस्व …
शुक्रिया अदा करना ! जाते हुए लम्हों को ज़रा हँसते हँसते विदा करना पल ख़ुशी के थे या गम के, शुक्रिया अदा करना ! लौटकर न आएगी ये फ़िज़ा, …
काली रात आयी है *** डोली में सजकर, माँ के घर, ये कैसी सौगात आई है,तिरंगे में लिपटे देखो, बाँके दूल्हों की बारात आई है। एक बार फिर से …
गंवारा नहीं *** जाज़िब आब-ए-आईना है हम, कोई आवारा नहीं,हुस्न करे नज़रअंदाज़ कोई ये हमको गंवारा नहीं । मिल गए है ख़ाक में हूर-ऐ-जन्नत जाने कितने,लेकर अपनी पनाहो में जिसे …
छुप-छुप के ***ये जो छुप-छुप के नज़रे मिलाई जा रही है,जरूर कोई नई साज़िश रचाई जा रही है !!ये इश्क का मसला भी सियासत सा लगे है,मिलकर गले प्रेम …
ख़फा *** वो शख्स मुझसे इतना ख़फा क्यों हैबेवफाई में ढूंढता वो वफ़ा क्यों है !! कभी चाहत, कभी नफरत-ऐ-अदामिज़ाज़ उनका दो-तरफा क्यों है !! इक – दो बार …
अन-गिनत फूल मोहब्बत के चढ़ाता जाऊँ आख़िरी बार गले तुझ को लगाता जाऊँ oo जाने इस शहर में फिर लौट के कब आऊँगा पर ये वादा है तुझे भूल …
सताने लगे है *** जब से हम काँटों को, गले से लगाने लगे हैलोग फूलों की चुभन से, हमे सताने लगे है ! दर्द से रिश्ता कुछ जब ख़ास-म-खास …
कहानी छोड़ जायेंगे *** *** *** मिटाओगे कहाँ तक मेरी यादें, हर मोड़ पर लफ्जों की वीरानी छोड़ जायेंगे lकैसे बीतेगी तुम्हारी सुबह-शाम, हम सिसकती रातों की कहानी छोड़ …
दीवाना___मै दीवाना, तेरी कातिल अदाओ पे मरने आ गयालुटां के जां इस जुर्म का जुर्माना भरने आ गया !!मुहब्बत करते देख जमाने को बाते बहुत बनायीमिटाके खुद को इसमें …
ज़लवा दिखाओ तो जाने *** आज भी पहले सा मुस्कराओ तो जानेफिर से वही ज़लवा दिखाओ तो जाने !! मुहब्बत को तरस गयी है प्यासी निगाहेंफिर उसी मंज़र से …
अफ़सोस न कर *** मेरे वतन के हिस्से ये सौगात हर बार मिली है !कभी गूंगो की कभी बहरो की सरकार मिली है !! किसी में हुनर सुनने का, …
बार-बार *** वो कौन है जो दिल को दुखाता है बार-बार !अश्क बहते नहीं दिल करहाता है बार-बार !! वफ़ा संग बेवफाई दस्तूर पुराना है जमाने काफिर क्यों दास्ताँ …
मेरी तन्हाई आज यूं मुझसे मिल कर रोई….सखी बचपन की बिछड़ी मिली हो जैसे कोई…पल भर में ही हो गयी फिर से वो मेरी….गिला शिकवा लब पे रहा न …
POEM NO. 12—————-शुभरात्रि ——————Sanate ki aath me soya koi sakshmand mand muskura raha he koi sakshnind aati nhi fir bhi dubak k so rahe he skshna jaane kya gul …
दो दूना बाईस — बेवजह में वजह ढूंढने की गुंज़ाइश चाहिये !काम हो न हो पर होने की नुमाइश चाहिये !! कौन कितना खरा है, किसमे कितनी खोट !पहले …
:””; लफ्ज़ फिसलने लगे ;””; +*””*.*””* + अधरों के पुष्प कँवल उनके खिलने लगे है !लगता है सनम से अब वो मिलने लगे है !! कुछ तो असर जरूर …
सपनों से निकल हकीकत तुम बन जाओ….चाँदनी बन मुझमें तुम कभी सिमट जाओ…रात रौशन हो जायेगी मेरी तुमसे ए सनम…आँचल से मुझपे तारों को छिटका जाओ…हो कहीं भी सहर …
लफ्ज़ मेरे *** लफ्ज़ मेरे एक रोज़ ज़माना बोल रहा होगारफ्ता रफ्ता सबके वो राज़ खोल रहा होगा !! ज्यों ज्यों पढ़े जायेंगे पन्ने उलझी डायरी केना जाने कितनो …
मुलाकात…झुकी रहने दो मेरी पलकें आज,जो नजर उठाई तो ज़खम हरे हो जाऐगें ।दफन कर दो अपने सवालों को आज,जो लब खुले तो दर्द पुराने बयां हो जाएंगे।चंद लमहे …