Tag: कुन्डली
राम राज़ की ओट में *** राम राज़ की ओट में, पनपे रावण राज।जनसेवक राजन बने , गर्दन काटे आज ।गर्दन काटे आज , वचन बोले कर मीठे।बुराई पर …
(१. ) राधा-रानी कृषण की, थी बचपन की मीत मीरा ने भी सुन लिया, बंसी का संगीत बंसी का संगीत, हरे सुध-बुध तन-मन की मुरलीधर गोपाल, खबर तो लो …
(इमेज पढने में दिक्कत हो तो ब्लॉग पर जाएँ) विजय कुमार सिंह vijaykumarsinghblog.wordpress.com
(इमेज पढने में दिक्कत हो तो ब्लॉग पर जाएँ) समय अंतराल पर भिन्न सोच के रूप । पाहन से बात करते झुके मानव स्वरुप । झुके मानव स्वरुप कहें …
एक बाबा ले के चले, कुण्डली अपने साथ में । आज उसमें लिखा है बोले, है वो बड़े जोश में । आँख दिखा कर, कन्धा दबाकर, बोला बड़े रौब …
अंतर्मन को बेधती , शब्दों की तलवार | …
सोवेगा जो कोई कदी, जदी पड़ेंगे चोर । जागो तो खतरा नहीं, इस सारे में और ।। इस सारे में और रोज दिन में आती हैं । दो ठगनी …
सोई जानो जगत में, उत्तम जीव सुभाग । मधुर वचन निरमानता, सम दम तप बैराग ।। सम दम तप बैराग दया हिरदे में धारैं। मुख से बोलें सत्त सदा, …
शेरों में घर स्यार ने, छाया क्या है फेर । पराक्रम बिन नाम से, हो नहीं सकता शेर ।। हो नहीं सकता शेर, कभी शेरों में बसकर । सिंह …
विष में अमृत होत है, भगवत वर परसाद । दुश्मन मित्तरवत सबी, तपवत् सब परमाद ।। तपवत् सब परमाद दया भगवत की जिनपै । सागर गो-पद-तुल्य राम राजी जिन …
ले ले मंदा बिक रहा, सौदा अति अनमोल । भर लेजा मन मान तू, बिना तुलाई तोल ।। बिना तुलाई तोल लगे ना कौड़ी खरचा । नफ़ा सौ गुना …
लक्षण येई नीच के, तजै वेद मरजाद । कटुक वचन, मद, इर्षा, क्रोध, काम, परमाद ।। क्रोध काम परमाद बैर बिन कारण लावै । दगाबाज अन्याई पीठ पर चुगली …
मोहताजों की ख़बर ले, तेरी लें भगवान ।। जस परगट दो लोक में, होगा निश्चय जान ।। होगा निश्चय जान, मान वेदों का कहना । जो ठावे उपकार उदय …
मैली चादर मैल से, कदी चढ़े ना रंग । इसे अन्तकरण में, जब तक मैल कुसंग ।। जब तक मैल कुसंग शुद्ध कैसे हो जाता । निष्फल है उपदेस …
मेरे तेरे में तुही, ये दो तुमसे दूर । तू मुझमें ना पवता, मैं तुझमें भरपूर ।। मैं तुझमें भरपूर भूलकर दूर बतावै । तू कहता परछिन्न वेद भरपूर …
मासा ना तिल भर कदी घटै बधै तक़दीर । देव नाम है कर्म का जिसने रचा शरीर ।। जिसने रचा शरीर उही पालन करता है । हाजिर है दिन …
माला फेरो स्वास की, जपो अजप्पा जाप । सोहं सोहं सुने से, कटते हैं सब पाप ।। कटते हैं सब पाप जोग-सरमें कर मंजन । छः चक्कर ले शोध …
मारो ठोकर दया कर, नाव मेरी हो पार । और कोई सुनता नहीं, कब का रहा पुकार ।। कब का रहा पुकार नाव चक्कर ले रही है । बार-बार …
माया मेरे हरी की, हरें हरी भगवान । भगत जगत में जो फँसे, करें बरी भगवान ।। करें बरी भगवान, भाग से भगवत अपने । इसे दीनदयाल हरी-हर चाहिये …
मानो मेरी आज ये, बात मानने योग । साऊ ना दुश्मन कोई, सब कर्मों के भोग ।। सब करमों के भोग भोग देके जाता है । बिन भुगते ना …
मान बड़ाई, ईर्षा, आशा, तृष्णा, चार । ये चारों जब तक रहें, जप-तप सब रुजगार ।। जप-तप सब रुजगार नफा पावै हो टोटा । भरम चक्र में पड़ा रहे …
महाघोर आया कली, पड़ी पाप की धूम । पंथ वेद के छिप गए, ना होते मालूम ।। ना होते मालूम पाप ने दाबी परजा । फिर सुख कैसे होय …
बोलो जो कुछ धरा हो कहीं आपका माल । मुझे बतादो सहज में आय गया अब काल ।। आय गया अब काल माल घर के बूझैं हैं । जो …
बोए पेड़ बबूल के, खाना चाहे दाख । ये गुन मत परकट करे, मनके मन में राख ।। मनके मन में राख, मनोरथ झूठे तेरे । ये आगम के …