इम्तेहान…Raquim Ali raquimali 19/05/2017 अज्ञात कवि 12 Comments *इम्तेहान*कंपकंपी आने लगती हैदिमाग करता नहीं है काम माथे से पसीना छूटने लगता हैजब आता है इम्तेहान का नाम ; जिंदग़ी में एग्जाम के कई पर्चे होते हैं, जैसे- … [Continue Reading...]