Tag: दर्द पर कविता
हमें बुढा न कहो बुढ़ापे से लगता है डर, आँख देखता नहीं कान सुनता नहीं हाथ पाव कांपे थर-थर, हमें बुढा न कहो बुढ़ापे से लगता है डर, बाल …
या खुदा ये क्या कर दिया तुने, मिला कर जिंदगी से, हमे मीटा दीया तुने ॥ सांसो को रुका कर, दिल की धड्कन को बढा दिया तुने, या खुदा …
लिखु तो क्या लिखु, अपनी दस्तान अश्कोंसे, मिट जाते हे दर्द-ए-निशा बे-जुबान अश्कों से अपनी आंखे सजाऊ उसकी यादो को छुपाकर तो बेहजाती हे हर याद इन बे-रंग अश्कों …