Tag: होली पर कविता
अबके बरस होली में घोल नशा बोली मेंप्यार से बुला ले मुझे अंग तू लगा ले सजनरंग लगी चोली मेंकलियों पे भंवरे मचल रहे अरमान मेरे अंग अंग में …
आई रे होली … देखो रे देखो आई रे होलीरंगों में डूबी है यारों की टोलीलगा रहे सब एक-दूजे को रंगभाभी भी खेल रहीं है भैया के संगकिसी को …
रंगीन चाँदनी से आकाश जगमगाया, होली का चाँद कैसे सज संवर के आया, अपनी हथेलियों में गुलाल भर के लाया, ओ कलियों जरा बच के भँवरे हैं स्वांग रच …
फागुन छेड़ रहा सरगम इंद्रधनुष सी धरा हुई। मेहँदी रंग चढ़ा हाथों में गोरी भी अप्सरा हुई। फूलों के सब रंग चुरा के लाई भंवरों की टोली। होली लेकर …
होली है भई होली है। देख दृश्य टीवी पर होली के- दादा जी हुरियाय गये, कर बातें याद अतीत की- मन ही मन मुस्काय गये। उठे हुमक कर घोल …
रंग दी तुमने मेरी चुनरिया भीग गई मेरी चोली तुम हो कितने निष्ठुर कान्हा राधा माधव से बोली | प्रीत रंग में रंग जाने का नाम है राधा होली …
रंग ये कोई ले आये जज्बातों में जी सकूँ टूटे हुए हालातों में रजा भी गुमाँ करे शोहरत पर अपनी दस्तक दे नसीब भी मुलाकातों में तकिये पर रखा …