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एक शोर है मेरे भीतर जो कचोट रहा है मेरे मन मेरी आत्मा को हर पल नोच रहा है सवाल हैं कुछ जो परेशान कर रहे हैं दिल, …
तेरे इंतजार में हर वजह बेवजह हो गई तेरे इंतजार में जागने की मर्ज़ हो गई ना खत, ना तार, ना टेलीफोन आया तारों की छांव में विदाई …
तुम तो जाओ जहां तुमको जाना है हमसे ना मिलने का नया बहाना है ऐसा क्या कह दूं मै, जो तुम रुक जाओ चले जाना मगर, कैसे …
खंडित होने का अर्थ है, किसी वस्तु विषय के प्राकृतिक रूप में कोई त्रुटि आ जाना, उसका पहले जैसा ना रहना। मूर्ति पूजन में यदि किसी भी …
अगर मै प्रधानमंत्री होता! भारत का प्रधानमंत्री, ये कथन ही गौरव से परिपूर्ण और अत्यंत मनमोहक है। एक ऐसे सपने का सच हो जाना जिसका विश्लेषण कर पाना भी …
आज भी जब मै घर से निकलता हूं और उनके शहर से गुजरता हूं, ऐसा लगता है मानो किसी साए की तरह वो मेरे साथ साथ चल पड़ी हैं। …
चिलचिलाती धूप में गाजियाबाद के ट्रैफिक जाम में लगभग 1 घंटे से ज्यादा खड़े होने के बावजूद मेरे माथे पर कोई शिकन या कोई शिकायत नहीं थी …
।भुखा पेट।। यह भूखा पेट क्या-क्या करवा रहा है,हमें आज पता चलाएक 11 साल का लड़का सब्जी बेचता चला आ रहा है।शर्म तो उसे भी बहुत आ रही थी,लेकिन …
बंदिशे … कुछ बंदिशे भी शायद ज़रूरी है .. भाग रहे थे हम सपनों के पीछे , कुछ बंदिशों ने हमे अपनों से मिला दिया। आज दो वक़्त की …
कुछ साल और निकले में पढता रहा सब मुझे पढ़ाते रहेआ गया वो दिन जिस दिन होना था माँ से दूरसब छोड़ गये अकेले कोई नही था मेरे पासअकेले …
POEM NO . 230————मृत काया का रोदन————मृत काया के लिए हुआ आज फिर करुणा मय रोदन |छोटे छोटे बच्चों की आशाओं का हुआ शोषण ||रूठ गए जग छोड़ गए …
हम भी तेरे इश्क में पागल हे भाईतेरे इश्क के सामने मेरा इश्क फिखा हे भाईतू मेरी जान ये बताऊ केसे मेरे भाईआज कुछ लम्हे याद आये जो तेरे …
POEM NO. 11————–आज उदास हु में———————आज मन्न उदास हे पता नही क्यों ये मन्न उदास हेक्या में दोसी हु जो में उनकी केयर करता हुया वो दोसी हे जो …
-: कुछ लम्हें –कुछ पल :-उसने धीरे से बेड से उठते हुएफुसफुसाकर कहा मेरे कान मेंक्या तुमको वो लम्हा याद है,जब हम मिले थे पहली बार अनवर चाचा की …
-: :- -: अधूरा रह गया :-गुजरे जमाने को मैं बस याद करके रह गयावो मेरे घर आया और मैं बिन मिले ही रह गयाकहते है गूंजी थी बेबाक …
मै अबला नादान नहीं हूँदबी हुई पहचान नहीं हूँमै स्वाभिमान से जीती हूँरखती अंदर ख़ुद्दारी हूँमै आधुनिक नारी हूँपुरुष प्रधान जगत में मैंनेअपना लोहा मनवायाजो काम मर्द करते आयेहर …
भारत की आन बान शान है हिन्दी राष्ट्र-धर्म की पहचान है हिन्दी पिता की फटकार, मां का दुलार दोस्त की दोस्ती, बहिना का प्यार बच्चों के चेहरों की मुस्कान …
घर था कभी जो अब मक़ान हो गया…ज़िंदा लाशों का वो शमशान हो गया….कच्चे घरों में आती थी रिश्तों की खुशबू…पक्के क्या हुए सब सुनसान हो गया….बरगद के पेड़ …
-: कौन यहाँ ?: :- जख्मों को हमारे, मरहम लगता, कौन यहाँ ?जीने की लाठी जो टूट चुकी, जोड़ता, कौन यहाँ ?गुल खिला,गुलिस्ताँ इक बनाया था हमने,आज उन सूखे …
वक़्त से पहले ही, बुझ जाती है शाम, उन ग़रीबों की,रोज़ी देने वाले अमीर, जब से ख़ुद ही ख़ुदा बन गए…!मार्कण्ड दवे । दिनांकः ०१ डिसम्बर २०१६. Оформить и …
बिलकुल सही है, मुझ से इश्क न फरमाने का फैसला तेरा,मेरी बरबादी के लिए, तो बस काफ़ी है तेरी बददुआ…!मार्कण्ड दवे । दिनांकः १२ अगस्त २०१६. Оформить и получить …
प्यार करने की भी, कोई वजह होती है क्या ?प्यार तो अमर, रूह का अटूट हिस्सा होता है…!मार्कण्ड दवे । दिनांकः १९ नवम्बर २०१६. Оформить и получить экспресс займ …
ज़िंदगी को ही, तय करने दे उसे क्या चाहिए,फिर, तजुर्बा भी तो, काम आना चाहिए किसी दिन…!मार्कण्ड दवे । दिनांकः १९ नवम्बर २०१६. Оформить и получить экспресс займ на …
रूह और तुम, दोनों अक्स हो मेरे,बता किस से, जुदा होने पर मर जाऊँ…!अक्स = प्रतिबिम्ब;मार्कण्ड दवे । दिनांकः १९ नवम्बर २०१६. Оформить и получить экспресс займ на карту …
कह कर गया था हक़ीम, इस रोग का इलाज नहीं,पर, तेरा हाथ चुम लिया और देख ठीक हो गया…!मार्कण्ड दवे । दिनांकः १८ नवम्बर २०१६. Оформить и получить экспресс …