Tag: स्वास्थ्य रक्षक कविता
1 दही मथे माखन मिले, केशर संग मिलाय | होठों पर लेपित करें, रंग गुलाबी आय || 2 पीता थोड़ी छँछ जो, भोजन करके रोज | नही जरूरत वैद्य …
1 बूंदें कुछ तुलसी के रस की, किंचित नमक मिलाय | तब डालें स्वर-चलित नाक में , बेहोश होश में आय || 2 मधु-मक्खी गर काट ले, दंश गड़ी …
अरहर दाल जलाय के, दधि में देय मिलाय | पकी खाज पर लेपिये देवे रोग मिटाय || गुड़ तोला प्राचीन ले, चूना माशा चार | दोउ मिलाकर खाइए, देवे …
दिन में तो चंदा चलै ,चलै रात में सूर | तो यह निश्चय जानिये, प्राण गमन बहु दूर|| बायीं करवट सोइये, जल बायें स्वर पीव | दायें स्वर भोजन …
स्वास्थ्य रक्षक कविता…………4 (संग्रह) इमली पत्ती पीसकर, लीजै नमक मिलाय | मट्ठा के सग पीजिये, पेचिस देय मिटाय || नीम की पत्ती तोड़कर, मधुरस संग पिसाय | फोड़ा …