Tag: हाइकु
मानव जातचींटी से भी है कमतेरी औक़ात ।।दिल का छोटा,आदम की औलाद,कर्म का खोटा ।।काज न भाये,मुफ्तखोर शैतान,बाज़ न आये ।।नीच इंसान,राम राम भजतेबना हैवान ।।कर्म से गन्दा,मानवता की …
हाइकू मज़दूर- मज़बूर *** सुदूर गाँवशहर ये बेगानामिले न ठाँव !! प्रवासी चलेनापे ज़मीं आसमांकदमो तलें !! रोज़ी की खोज,पत्थर बने फूल,रुई का बोझ !! गाँव के लोगशहरो पर …
विषय : नफ़रतविद्या : हाइकु*** *** *** शासक मौन,नफ़रत की आगबुझाए कौन।। रोपे हैवान,नफ़रत के बीज,रोये इंसान।। प्रीत की रीतनफ़रत न करदिल को जीत ।। फूलों में पले,फैली जो …
विषय: पहेलीविधा : हाइकु२१/०५/२०१९ चींटी की चोटहाथी भी लोट पोटकैसी पहेली !! सुन सहेलीढूंढ मोरे बलमाबुझा पहेली !! मुर्दो की भीड़शहर में अकेलीबन पहेली !! एक पहेलीजीवन और मृत्युसबने …
पांच हाइकु आपकी नज़र (परिणाम) ***प्रीत की रीत,सत्य का परिणाम,मिलेगी जीत !!बंसी की धुन,प्रीत का परिणाम,राधा से सुन !!खुद में ढलमिलेगा परिणामकर्म का फल !!कर्म दुरुस्त ,सुखद परिणाममन संतुष्ट …
II मौन IIII हाइकु II१.राधा सा मौनसमाधिपाद कुञ्जकृष्णा मिलन२.मौन वरणजग का विस्मरणचिंता हरण३.बाहर मौननाद गूंजे भीतरमन ‘पागल’४.ब्रह्म मुहूर्तमन मौन सागरसूर्य वरण\/ सी.एम्.शर्मा (बब्बू) Оформить и получить экспресс займ на …
साहित्य प्रेमियों के लिए ख़ुशी की बात है की साहित्य समूह के कुछ सदस्यों ने एक साथ मिलकर एक पुस्तक ” गुलिस्ताँ ” (साहित्य की फुलवारी ) का सफल …
II पूजा IIविधा: हाइकु१.मन का थालसात्विक भाव फूलपूजा सम्पूर्ण२.गुरु चरणत्यागे पांच विकारपूजा सफल३.मन के विकारपूजा अवरोधककर निस्तार4.टूटे ‘चौरासी’विकार बनवासीपूजा सुवासी\/सी.एम्.शर्मा (बब्बू) Оформить и получить экспресс займ на карту без …
ये बालक कैसा? (हाइकु विधा)अस्थिपिंजरकफ़न में लिपटाएक ठूँठ सा।पूर्ण उपेक्ष्यमानवी जीवन काकटु घूँट सा।स्लेटी बदनउसपे भाग्य लिखेमैलों की धार।कटोरा लिएएक मूर्त ढो रहीतन का भार।लाल लोचनअपलक ताकतेराहगीर को।सूखे से …
जीवन संग रहें होली के रंग प्रेम प्रसंग।। 1 प्रेम मिलन खिल उठे नयन हर्षित मन ।। 2 मन्द पवन उड़ रहीं हैं लटें सम्भालती वो ।। 3 सुन्दर …
पाँच हाइकू ****** गोद भरी थीसूख गई ममताबेटी जो आई !!!ममत्व जागादेखकर रोये माँवक़्त अभागा !! !जब भी खिलीजमाने ने कुचलाघायल मिली !!!आँगन पलीबाबुल की लाड़लीघर से चली …
भीषण बाढ़ धरती कराहती समझो पीड़ा।बरखा आए मयूर छुप गएचैन कहीं ना। राह कांटों की मुश्किल है चलना छलनी सीना। फूल खिले है चिड़ियाएं उड़ती संग में जीना।शिशिर मधुकर …
सावन आया *** सावन आयाबरसते बादलपपीहा बोले !! वज्र कड़केघनघोर है घटानाचे मयूर !! प्रथम वर्षाजलाशय प्रतापनहाते बाल !! बूंदे गिरतीपुलकित रमनाचहके खग !! बहे फुहारलहलाती फसलेझूमे कृषक !! …
सूखी धरती दिल को दुख देती करूँ जतन ।मेघा गरजे पुलकित मनवा स्नेह मिलन।बहता पानी सब मैल धो दिया भीगा ये तन ।शिशिर मधुकर Оформить и получить экспресс займ …
गहरी खाई जब जब भी झांकाचिंताएं जागीं। सम भूमि पे नज़दीक हुए वो तन्हाई भागी।शिशिर मधुकर Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в …
मित्रों हाइकु के क्षेत्र में मेरा प्रथम प्रयास प्रेम खो गया स्वार्थ में अनबन उदास मन। उम्मीदें टूटीं बुझ गई रोशनी केवल तम। नेह की बूंदें बरसे जब जबचहका …
आओ सीखें हाइकू लहर चलीलेखन है हाइकुकैसे लिखेंगे !!सुनो साथियोआओ सीखें हाइकूकैसी है बला !!हाइकु विधाएक जापानी काव्यजनक बाशो !!हाइकु विधाअदभुत लेखनशिल्प कठिन !!आत्म-मंथनभाव या विचारों काशब्द उचित !!पृथक भावदो …
नील गगनमहबूब आँगनचाँद दीदारआकाश गंगाअनगिनत तारेतेरी चुन्नरीकोयल कूकेमकसद इसकाप्यार की बोलीदिल समझेबिना लिपि ज्ञान कीनैनों की भाषामंदिर दिलसजा है मुरशिददेख उसकोभीतर सुनहै गुंजायमान वोईष्ट की बोली\/चन्दर कहेलिखे मैंने हाइकूनज़र …
आतंकवाद मानवताविहीन चैतन्यहीन । खुश हैं गिद्ध आतंक चहुंओर शव ही शव । विलाप अश्रु हृदयविदारक घायलमन । तेल की आग शीर्ष का षडयंत्र अर्थ का मंत्र । दिशा …
सावन आया रिमझिम बरसे प्रेम फुहार !! पपीहा बोले नाचे मयूर दल कोयल कूके !! मेघा गरजे बिजुरिया कड़के दहले मन !! मंद पवन संग बहे बयार झूमे दरखत …
पास रह कर तो सब अपना बनते हैं.. तू मुझे दूरियों से अपना बना… खुशियाँ दे कर तो सब दिल में उतर जाते हैं तू मुझे जख्मो से अपना …
काफी दिनों बाद कलम उठाई है दिल में एक चिंगारी सी पनप आई है सोचा था छोड़ दूंगी ये कविताएँ लिखना मगर फिर से एक कविता जहन में आई …
जरुरी नहीं है फरिश्ता होना , इंसा का काफी है इंसा होना || हकीकत ज़माने को अब रास नहीं आती, एक गुनाह सा हो गया है आईना होना || …
ग्रीष्म कालीन अवकाश ग्रीष्म कालीन अवकाश प्रारम्भ स्कूलों में छुट्टी।। पढाई बंद खेलकूद के दिन बच्चे प्रसन्न ।। सैर को जाये पिकनिक मनाये मौज उड़ाये ।। दिनों के बाद …
आया बसंत फूल खिलने लगे पतझड़ में !! मीठी सी धूप अमवा पे बहार बौर आने की !! खेतो में सजे कच्ची पक्की फसल बालियाँ झूमे !! सरसों पर …