पलायन औचित्य कुमार सिंह 24/04/2020 औचित्य कुमार सिंह No Comments विवश कीट से, पैर हजारोंवापस घर चलते हैं।रोटी पानी की ठोर नहींअपना भी कोई और नहींथोड़े जो सिक्के मिलते थेवैसा भी यह दौर नहीं।लौट लौट कर चकाचौंध सेसपनों की … [Continue Reading...]