Tag: समसामयिक
हमदर्द ढूंढते हो, दर्द के साये में रहते हो, और हमदर्द ढूंढते हो, बड़े नादाँ मरीज़ हो, खुद-ब-खुद मर्ज़ ढूंढते हो !! खुदगर्ज़ी की जीती जागती मिसाल हो आप, …
बसंत आने को है *** दीपशिखा के चंचल चरण करने चले है फागुन वरण शीतल ज्वाला से अपनी सौरभ मधु बरसाने को है सुना है ! बसंत आने को …
नूतन पल नूतन पल, बेला नई, नवल किरण की भोर ! आशा दीपक जल उठे, तन मन हुआ विभोर !! तन मन हुआ विभोर, नयन कँवल विहग जागे ! …
नया साल नए साल के जश्न में, बात नहीं वो शेष ! बीमारी से आज तक, जूझ रहा है देश !! जूझ रहा है देश, चिंता बहुत यह भारी …
चल देता हूँ मैं *** कुछ लिखता हूँ, और लिखकर चल देता हूँ मैं, क्रोध में भी मस्ती को भरकर चल देता हूँ मैं ! है पसंद मुझे, सब …
सीख रहा हूँ *** कलम लिए झूल रहा हूँ, मैं लिखना भूल रहा हूँ, क्योकि, अब पढ़ना सीख रहा हूँ ! गीत ग़ज़ल कविता दोहे, कभी समझ आये मोहे, …
डी के निवातिया
आज़ादी के पावन दिन पर, मातृभूमि का श्रृंगार करो देश ध्वजा का संदेश यहीं, वैर भाव का संहार करो।। जो मिट गए, जो खो गए, हाथ थाम तिरंगा सो …
हुई महंगी मुबारकबाद *** हुई महंगी बहुत ही मुबारकबाद, के सोच समझ कर दिया करो, देना हो जरूरी,तो रखना हिसाब, हर घड़ी हर शख्स को न दिया करो..!! कुछ …
आदमी है, खाता है, *********** आदमी है, खाता है, खाकर भी गुर्राता है, करता है खूब चोरी साथ में सीना जोरी कर के गर्व से चौड़ी छाती लाल पीली …
रिश्ते *** *** रिश्ते वही मगर, रिश्तो में रिश्तो की वो बात नहीं है, सम्बन्ध वही, मगर सम्बन्धो में ज़ज्बात नहीं है, घर में बैठे, चार प्राणी अपनी गर्दन …
तू कैसा प्रेमी है !! *** देता है न माँगता सोता न जागता न रोता न हँसता भागता न थकता देखता न तकता, बोलता न बकता, सभी को लगता …
कैसा ये सावन आया, मुझको अबकी ना भाया, बारिश की इन बूंदों ने जी भर मुझको तड़पाया ।। बागों में कोयल बोले, कानो में मिश्री घोले, अमवा की …
सच्चाई एक छत्ता हैहमें चुन – चुन के रस भरना हैखट्टे मीठे तीखे कसैले हैं सब रंग तू तय करले तुझे कौन सा स्वाद चखना है सच्चाई…. Оформить и …
१.आना मेरे साजन,खुशियों की डोली,लेकर मेरे आँगन !! २.जिस दिन तू आएगा,झूमेगा ये मन,नाचेगा, गाएगा !! ३.जब मेरी सजे डोली,रात दिवाली कीदिन में होगी होली ।।४.दर्शन को मैं तरसीसावन …
दिखने में तो इंसान हूँ ,मगर क्या वास्तव में इंसान हूँ ?न दिल अपना ,न दिमाग अपना ,जो जिधर कहे वहीं चला जाता हूँ ।कभी गाँव से शहर की …
ज़ाम-ऐ-शराब *** इश्क में हमे न वफ़ा का गुलाब चाहिए,ख़िदमत में न दावत-ऐ-क़बाब चाहिए !हम तो आशिक, मजनूं, दिवाने यार है,उनकी आँखों से ज़ाम-ऐ-शराब चाहिए !! *** स्वरचित – …
कोरोना वीरो को प्रणाम *** कोरोना वीरो का अमिट बलिदान,याद रखेगा बच्चा बच्चा हिंदुस्तान,इनकी मेहनत औ दरियादिली का,गुणगान युगों युगों करेगा ये जहान !! डर अब अंतस में रम …
इस जिंदगी के दौर में बस डर का राज है कल का कुछ पता नहीं सहमा सा आज है घर में कैद है सभी बचने के नाम पे बिन …
बंदिशें इतनी लगी हैं आ गई है जान पे कोई भी काबू नहीं कर पा रहा शैतान पे औरों की सोची नहीं अपना हित साधन किया मिल के अब …
शादी की सालगिरह के विशेष अवसर पर प्राण प्रिय अर्धांग्नी को समर्पित ह्रदय के भावो को शब्द माला में गूंथकर काव्य रूप में संजोने का एक प्रयास: ___ हे …
काली रात आयी है *** डोली में सजकर, माँ के घर, ये कैसी सौगात आई है,तिरंगे में लिपटे देखो, बाँके दूल्हों की बारात आई है। एक बार फिर से …
पर्यावरण दिवस *** पेड़-पौधे काटकर बैनर, पोस्टर बना रहे है, संदेशो में जागरूकता अभियान चला रहे है । ! विलासिता पूर्ण जीवन जीने की चाहत में, हम प्राकृतिक सम्पदा …
शीर्षक :- मैं होली कैसे खेलूँरचनाकार:- डी के निवातिया ! विषय : – होली कोई रंग न मोहे भाये, मोरा दिल चैन न पाएंमै होली कैसे खेलूँ, मोरे साजन …
काम जोरों पर है +++***फूटी किस्मत लिखी, कागज़ कोरों पर है,खुद करके काली करतूत दोष औरों पर है !! टूट-फूट कर बिखरें, भू-माता के टुकड़ेंउनकी मरम्मत का काम जोरों …