Tag: छंद
नूतन पल नूतन पल, बेला नई, नवल किरण की भोर ! आशा दीपक जल उठे, तन मन हुआ विभोर !! तन मन हुआ विभोर, नयन कँवल विहग जागे ! …
नया साल नए साल के जश्न में, बात नहीं वो शेष ! बीमारी से आज तक, जूझ रहा है देश !! जूझ रहा है देश, चिंता बहुत यह भारी …
1-श्री गणपति करिए कृपा, माँ शारद दो ज्ञान | ज्योतिष पर कुछ लिखसकूँ, हो न कभीअभिमान || हो न कभी अभिमान,कृपा श्री राघव कर दो | बजरंगी हनुमान,दास को …
II छंद – चौपाई IIकारे कारे बादल आये, मन मेरे को नाच नचाये….मेघा गरजे बिजली चमके, डर कर मेरा मनवा दुबके…देखूं राह मैं चढ़ अटरिया, कब आएंगे पिया नगरिया…घूमूं …
“शिवेंद्रवज्रा स्तुति”परहित कर विषपान, महादेव जग के बने।सुर नर मुनि गा गान, चरण वंदना नित करें।।माथ नवा जयकार, मधुर स्तोत्र गा जो करें।भरें सदा भंडार, औघड़ दानी कर कृपा।।कैलाश …
II छंद – चौपाई IIकहते हैं शमशान निवासी, रोम रोम रम रहा सुवासी…आदि अंत का जो है ज्ञाता, महादेव वो है कहलाता..पी कर ज़हर अमृत देता वो, ऐसा वैरागी …
सुबह शाम मैं उसे रिझाऊँनैन पलक पर जिसे बिठाऊँबिन उसके दिल है बेहालक्यों सखि साजन?ना गोपाल घड़ी – घड़ी मैं राह निहारूँसुबह शाम नित उसे पुकारूँदरस …
II छंद – उल्लाला IIआसमान से उतर के , जाने खुदा कहाँ गया Iढूंढ ढूंढ के थक गया,खुद को भी मैं खो दिया IIपर्बतों में मिला नहीं, तीरथ में …
II छंद – सरसी IIकैसी प्रीत जगाई कान्हा, मन मांगे चितचोर….सारी रात आँख न भींचूँ, आस मिलन में भोर…भूख प्यास मोहे न लागे, मन की एक ही रीत…मिल जाए …
II छंद – श्रृंगार IIजात पात लाठी रहा भांज Iआग दे रहा धर्म को आज IIमूंछ को नेता दे के ताव Iबोलता देश प्रेम के ‘भाव’ II\/सी. एम्. शर्मा …
नटखट ललन (“सरसी छंद”) ठुमक ठुमक चलते सावरिया, पग पग कदम बढ़ाय छन छन से छनकते घुंघरू, मधुर सी धुन सुनाययशोदा दर खड़ी इतराती, नटखट ललन लुभायदेवलोक से देव निहारे, …
II छंद – भुजंगप्रयात II( यमाता x 4 / 122×4 )नमामी महांदेव गंगा धराये Iजटाजूट शंभू पिनाकी धराये IIनमामी कपाली भक्तवतसलाये Iनमामी नमामी मृतुन्जय शिवाये II (नमन …
II छंद – भुजंगप्रयात IIनमो देव भोले नमो देवनाथं Iनमो शंकरा सर्व भूताधिवासं IIनमो शूलपाणी विरूपाक्ष रूद्रं Iनमो अंबिकानाथ पादार्विन्दं II(नमन करता हूँ मैं उस शिव को जो …
IIछंद-चौपाईIIरम जाओ तुम मुझमें ऐसे,रंग मिला पानी में जैसे…तुम सज जाओ ऐसे दिल में,जैसे देव सजे मंदिर में….ढूंढूं कहीं खुदा मैं क्यूँकर,मंदिर हो चाहे गिरिजा घर…चाहूँ देखूँ दिल में …
II छंद – उल्लालाIIकान्हा नयन बह रहे, सुदामा चरण धुल रहे Iनिर्मल छवि ये देख के,सब लोक धन्य हो रहे IIप्रेम मोल अनमोल है, जो प्रेम ही आंक सके …
IIछंद – उल्लालाIIभावों से था भर उठा, नयन में पर नीर नहीं Iकहते बात बने नहीं, न कहने में धीर नहीं IIभाव सागर के दिल के, …
विजय कुमार सिंहvijaykumarsingh.wordpress.com Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить …
IIछंद-चोपाईIIकर जोर खड़ा प्रभु के आगे, मन में भाव कभी ही जागे…माँ ‘चंदर’ आवाज़ लगायी, रोम रोम मिठास घुल आयी…कैसे कथन करूं जस तैसा, अनुभव जो गूंगे के जैसा…ईशवर …
IIछंद-चौपाईIIदाम पड़ती छोटी जाए, कृष्णा उदर बंध ना पाए…माँ लल्ला का बंधन चाहे, योगी भी पकड़ना चाहे…माया धारी में जो उलझे,योग ज्ञान तप से ना सुलझे…बलिहारी लीला पे जाऊं,बिना …
IIछंद-चोपाई IIमैया चाँद दिला दो मुझको,गर लगता मैं प्यारा तुझको…नहीं मिला जो चाँद खिलौना,गुस्सा मैं फिर तुमसे होना…मत अपना तुम लल्ला कहना,नन्द लाल मैं बन के रहना…कृष्णा माँ महिमा …
IIछंद-चोपाईIIनटखट कान्हा भागें आगे, मात यशोदा पीछे पीछे…पकड़ लिए कान्हा जब माँ ने, बाँध दियो ओखली संग में….जिसको देखे टूटें बंधन, बंधे वो ममता के बंधन…बलिहारी जाऊं मैं उसके, …
IIछंद – चौपाईIIऊषा किरणें चरण पखारें, पुरवाई चंवर झुलायें…नाटक करते नटखट कान्हा, मूंदें आँखें ज्यूं सोने का…बलिहारी लीला पे उसकी, श्याम सलोनी सूरत जिसकी ….डांटे माँ ये चाह उसे …
IIछंद-चौपाईIIचल घर चल अब भटक न तू मन…रोने से ना होगा कुछ सुन…औरों की ना सुन अब तू रे…लौटा अपने भीतर तू रे…जीवन हर पल चलता यूं ही…ऊपर नीचे …
सुनो ! मैं नहीं चाहती, की तुम मुझे मार्ग का कंकड़ समझो। और ना ही यह चाहती हूँ, की तुम मुझे मंदिर की मूरत बनाकर पूजो। पुष्प चढ़ाकर ,माला …
छन्न पकैया छन्न पकैया, बसंत राजा आये…बगिया में फूल खिले हैं, भँवरे भी मंडराएं…छन्न पकैया छन्न पकैया,अपनी दिल की बोली..नासमझा कूंएं में जा, जो समझा हमजोली…\/सी. एम्. शर्मा (बब्बू) …