ग़ज़ल (ये जीबन यार ऐसा ही ) Madan Mohan Saxena 14/07/2016 मदन मोहन सक्सेना 10 Comments ग़ज़ल (ये जीबन यार ऐसा ही ) ये जीबन यार ऐसा ही ,ये दुनियाँ यार ऐसी ही संभालों यार कितना भी आखिर छूट जाना है सभी बेचैन रहतें हैं … [Continue Reading...]