ग़ज़ल “कुछ बताया जा रहा है” deepbirdi 20/06/2020 अज्ञात कवि 1 Comment कुछ बताया जा रहा है। कुछ छुपाया जा रहा है। बन न पाए उनसे हम तो पर बनाया जा रहा है। दर्द देकर बिन दवा के चुप कराया जा … [Continue Reading...]
प्रीत की रीत निराली है….सी. एम्. शर्मा (बब्बू)…. C.M. Sharma 20/12/2016 सी. एम. शर्मा 12 Comments प्रीत की रीत निराली है….हर दिन दिल में दिवाली है…..प्रीत की रीत निराली है….रात अँधेरी सुनहरी लगती..तपती धूप मतवाली है…..प्रीत की रीत निराली है….इश्क़ समंदर पी पी बैठे…फिर भी … [Continue Reading...]