ग़ज़ल ( क्या जज्बात की कीमत चंद महीने के लिए है ) Madan Mohan Saxena 06/09/2016 मदन मोहन सक्सेना 2 Comments दर्द को अपने से कभी रुखसत ना कीजिये क्योंकि दर्द का सहारा तो जीने के लिए है पी करके मर्जे इश्क़ में बहका ना कीजिये ख़ामोशी की मदिरा तो … [Continue Reading...]