ख़ामोशी SARVESH KUMAR MARUT 01/07/2017 सर्वेश कुमार मारुत 12 Comments देखो कैसे याद दिलाती है?, उन बातों को ख़ामोशी।क्या हुआ था-क्या नहीं?, फ़िर यह कैसी मदहोशी?कुछ पूछे या कुछ बोले, तब क्या बतलाए ख़ामोशी?दुःख कैसा और कितना है?, तभी … [Continue Reading...]