हे गुरुवर तुम्हे प्रणाम — डी के निवातिया
हे गुरुवर तुम्हे प्रणाम *** तुम हो प्रबुद्ध, मनीषीशास्त्र, बोध के धोतकतुम जग के शिल्पकारहे गुरुवर तुम्हे प्रणाम !! संचित कर बुद्धि विवेक सेजीवन करते आलोकितशास्रोक्त, यथार्थ,अशिष्टमार्ग दिखा करते …