हसरत-ऐ-ज़िद – डी के निवातिया डी. के. निवातिया 27/08/2018 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 8 Comments हसरत-ऐ-ज़िद *** बेवजह करते हो हसरत-ऐ-ज़िदतुम हमारा इम्तिहान क्या लोगे !मिलाओगे गर नज़रो से नज़र तोखुद ही शर्म से नज़रे झुका लोगे !भूल न करना मेरी कब्र पे जाकररोशन … [Continue Reading...]