सौगात —डी. के. निवातिया डी. के. निवातिया 14/12/2016 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 10 Comments आयी फिर याद भूली बात की तरह !गुजरी है लश्कर-ऐ-बारात की तरह !!!कितने बदल गये यार सब अपनेवक़्त – बेवक़्त हालात की तरह !!कभी मिल जाते, मेघ से उमड़तेअचानक … [Continue Reading...]