सेहरा — शेरो शायरी — डी के निवातिया डी. के. निवातिया 16/03/2017 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 14 Comments लो सज गए वो फिर से पहनकर सेहरा भी,अरे कोई तो जाकर उन्हें हमारी याद दिलाये !हम ख़ाक में मिल गए उनके एक इशारे परऔर वो है के कब्र … [Continue Reading...]