सुर……..डी. के. निवातिया !! डी. के. निवातिया 06/12/2016 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 14 Comments पत्थरो में खिला सकते है फूलबस जरा भावनाओ के सुर मिला लीजिये !हमसफ़र बन जाये गर दुश्मनफिर राहे सफर का अंजाम क्या कीजिये !!!!!डी. के. निवातिया !! Оформить и … [Continue Reading...]