Tag: सरसी छंद
बेमतलब को तूल (सरसी छंद) *** बातो में हम रोज़ बदलते, सत्य से रहे दूर ! कैसे दशा देश की बदले, सब मस्ती में चूर !! ताज़ा मुददो पर …
नटखट ललन (“सरसी छंद”) ठुमक ठुमक चलते सावरिया, पग पग कदम बढ़ाय छन छन से छनकते घुंघरू, मधुर सी धुन सुनाययशोदा दर खड़ी इतराती, नटखट ललन लुभायदेवलोक से देव निहारे, …
II छंद – सरसी IIचितचोर माखनचोर है वो, गिरिधर ही गोपाल Iरणछोड़ कहो गोकुल ग्वाला,कह डारो नँदलाल IIनाम पुकारो कुछ भी उसका,सब उसके हैं खेल Iराधे राधे पुकारा किया, …
अपना देश *** *** *** अलग अलग है भाषा अपनी, अलग अलग है वेशराम चन्द्र जी जहाँ धरे थे, सन्यासी का भेषबहें प्रेम की गंगा जमुना, आपस मे है …